अब एक्टिव होगी कांग्रेस, कमजोर कडिय़ों को मजबूत करेंगे कमलनाथ

राजनीति

भोपाल ।  मध्य प्रदेश में 2023 में विधानसभा चुनाव है। उससे पहले पीसीसी चीफ कमलनाथ ने मप्र कांग्रेस संगठन को और मजबूत बनाने के लिए जुट गए हैं। अब कमलनाथ जहां जिला प्रभारियों से वन-टू-वन चर्चा करेंगे और कमजोर नेताओं की संगठन से छुट्टी की जाएगी। वहीं तहसील और गांवों तक पैठ बनाने के लिए 28 नए प्रकोष्ठ बनाए गए हैं।
दरअसल, कांग्रेस की कोशिश है कि संगठन को  इतना मजबूत और सक्रिय किया जाए है कि 2023 में सरकार बनाने में आसानी होगी। इसके लिए कांग्रेस ने पहली बार 28 प्रकोष्ठ गठित किए हैं। ये सभी प्रकोष्ठ पीसीसी चीफ कमलनाथ और उनकी कोर टीम से चर्चा कर तहसील और गांवों तक पैठ बना रहे हैं ताकि आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनाव के हिसाब से संगठन को मजबूत बनाया जा सके। कांग्रेस ने 1 बूथ पांच यूथ का नारा दिया है। ये उसी बूथ से होंगे और हर वर्ग से होंगे ताकि कांग्रेस के पक्ष में वातावरण बना सकें।
मप्र में प्रदेश कांग्रेस द्वारा संचालित विभाग एवं प्रकोष्ठों के हर महीने के कार्यक्रम तैयार किए गए हैं। इनमें मछुआरा समिति, सिंधी कल्याण समिति, पिछड़ा वर्ग विभाग, दलित पिछड़ा समाज संगठन, मप्र सफाई कामगार, बंजारा समाज, अनुसूचित जाति विभाग, कांग्रेस केश शिल्पी प्रकोष्ठ हैं। इन वर्गों को प्रदेश के हर ब्लाक में अपने वर्ग के 300 से 500 कार्यकर्ताओं को जोड़े जाने का लक्ष्य दिया गया है।
कांग्रेस में जो 28 नए प्रकोष्ठ गठित किए हैं उनमें से कई प्रकोष्ठ ऐसे हैं जो हर समस्या का निराकरण करेंगे। राजीव गांधी पंचायती राज संगठन पंचायतों की समस्याओं के निराकरण के लिए यह संगठन बनाया है, जिसका अध्यक्ष हेमंत टाले को बनाया गया है। बतौर टाले हाल में हमने पंचायत चुनाव में गांवों तक पहुंचकर पैठ बनाई, जिसकी वजह से कांग्रेस को अपेक्षित सफलता मिली। कांग्रेस सांस्कृतिक प्रकोष्ठ को प्रदेश में सांस्कृतिक आयोजनों, महापपुरुषों के जन्म दिन और पुण्यतिथि मनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस प्रकोष्ठ का अध्यक्ष रामबाबू शर्मा को बनाया गया है। शर्मा के अनुसार सालभर प्रदेश भर में सांस्कृतिक आयोजनों के लिए रूपरेखा तैयार की गई है। वहीं असंगठित वर्ग के कामगारों के कल्याण के लिए अखिल भारतीय असंगठित श्रमिक विभाग बनाया गया इस वर्ग का अध्यक्ष आशुतोष बिसेन को बनाया गया है। प्रकोष्ठ ने असंगठित वर्ग के कामगारों के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें डा. उदित राज को आमंत्रित किया गया। इसमें असंगठित श्रमिकों के कल्याण की रूपरेखा तैयार की गई।
अखिल भारतीय विधि एवं मानवाधिकार विभाग का गठन किया गया है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर राजनीति से प्रेरित जो मुकदमे चलाए जा रहे हैं, उनका  निराकरण करने के लिए विधिक कार्रवाई की जा रही है। ताकि ज्यादा से ज्यादा कार्यकर्ताओं पर चल रहे मुकदमों का निराकरण किया जा सके। मप्र खेत किसान मजदूर विभाग का गठन किया गया है। विभाग का अध्यक्ष दिनेश गुर्जर को बनाया गया है। खेत किसान विभाग कांग्रेस की गतिविधियों को बढ़ाने के लिए सदस्यता अभियान चला रहा है। इसमें किसानों को जोड़ा जा रहा है। गुर्जर का कहना है कि प्रदेश में किसानों की दिक्कतों का निराकरण नहीं हो रहा है। मप्र कांग्रेस परिवहन प्रकोष्ठ परिवहन से जुड़े व्यवसायियों की समस्याओं के निराकरण के लिए बनाय गया है। प्रकोष्ठ का अध्यक्ष नरेंद्र सिंह पांधे को बनाया गया है।
दिवाली बाद कमलनाथ जिला प्रभारियों से वन-टू-वन चर्चा करेंगे और कमजोर नेताओं की संगठन से छुट्टी की जाएगी। दो नवम्बर से अलग अलग दिन प्रभारियों को भोपाल बुलाया गया है। हर दिन 4-6 प्रभारियों से कमलनाथ मुलाकात करेंगे। प्रभारियों की रिपोर्ट के आधार पर महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे। वन-टू-वन चर्चा के दौरान पूर्व सीएम कमलनाथ, जिला प्रभारियों से जरूरी संगठनात्मक चर्चा करेंगे। साथ ही आपसी सामंजस्य बनाने के लिए भी रणनीति तैयार की जाएगी। साथ ही कमजोर नेताओं की संगठन से छंटनी भी हो सकती है। हर जिले की रिपोर्ट के आधार पर आगे की रणनीति तैयार होगी।
अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में अधिकारियों-कर्मचारियों का साथ पाने के लिए कांग्रेस कर्मचारी संगठनों से समन्वय बनाएगी। पार्टी ने दीपावली के बाद सेवानिवृत्त आइएएस-आइपीएस एवं आइएफएस अधिकारियों, पेंशनरों और अन्य कर्मचारी संगठनों के साथ बैठक करने का निर्णय किया है। इसमें वचन पत्र में शामिल किए जाने वाले मुद्दों के अलावा उनकी मांगों को आगामी विधानसभा के शीतकालीन सत्र में उठाने को लेकर चर्चा की जाएगी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ सेवानिवृत्त अधिकारियों से संवाद करेंगे। कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बैठकें राज्य और जिला स्तर पर होंगी। आगामी विधानसभा चुनाव में अधिकारियों-कर्मचारियों का साथ पाने के लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ पुरानी पेंशन बहाल करने की घोषणा कर चुके हैं। वर्ष 2005 के पूर्व वाली पेंशन व्यवस्था लागू करने के लिए ज्यादातर कर्मचारी संगठन आंदोलन कर रहे हैं। इस बड़े मुद्दों को कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में शामिल करने का निर्णय लिया है। वहीं, संविदा कर्मचारियों को नियमित करने की घोषणा भी पहले ही की चुकी है। इसके अलावा कर्मचारियों के जो भी मुद्दे हैं, उन्हें समझने और वचन पत्र में शामिल करने के लिए राज्य और जिला स्तर पर बैठकें की जाएंगी। पार्टी का सेवानिवृत्त अधिकारी-कर्मचारी प्रकोष्ठ आइएएस, आइपीएस और आइएफएस अधिकारियों के साथ अलग बैठक करेगा। इसका जिम्मा सेवानिवृत्त आइएएस अधिकारी डीएस राय, वीके बाथम और अजीता वाजपेयी पांडे को दिया गया है। वहीं, कर्मचारी संगठनों से समन्वय बनाने का दायित्व कर्मचारी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष वीरेंद्र खोंगल के पास है। मोर्चा, प्रकोष्ठों के प्रभारी महामंत्री जेपी धनोपिया ने बताया कि कर्मचारी प्रदेश के विकास की महत्वपूर्ण धुरी हैं। कांग्रेस हमेशा कर्मचारी हितैषी रही है। वचन पत्र में इस बार भी कर्मचारियों से जुड़े विषयों को प्राथमिकता दी जाएगी।

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