किसान राजनीतिक साजिश के तहत कर रहे विरोध

राजनीति

यमुनानगर। सात महीनों में कई बार भिड़ंत के बाद एक बार फिर पुलिस प्रशासन और किसान नेता आमने सामने हो गए। जगाधरी के रामलीला भवन में भाजपा की बैठक का किसान विरोध कर रहे हैं। मौके पर पुलिस बल भी तैनात है। किसानों को बैरिकेड्स लगाकर रोका गया है। किसानों से बात करने के लिए एसपी भी पहुंच गए हैं और बातचीत कर रहे हैं। इदर किसान के विरोध के बावजूद भाजपा कार्कारिण की बैठक शुरू हो गई है। विरोध में किसान बैरिकेड्स तोड़ते हुए बैठक स्थल की ओर बढ़े। एक बेरिकेड किसानों ने हटा दिया जबकि दूसरा टैक्टर से हटाने का प्रयास किया। इस दौरान पुलिस व किसानों के बीच झड़प भी हुई। गुप्तचर विभाग के इंस्पेक्टर सुरेंद्र राणा व एक किसान को हल्की चोटें आई। एक किसान बेहोश भी हुआ। हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवर पाल ने कहा, किसान राजनीतिक साजिश के तहत विरोध कर रहे हैं। यह ठीक नहीं है। 
  बैरिकेड्स तोड़ने के लिए टैक्टर लेकर आए भाकियू के डायरेक्टर मनदीप रोड़छप्पर को पुलिस ने सख्ती से रोकने का प्रयास किया लेकिन नहीं माने। बाद में डीएसपी सुरेंद्र कौर स्वयं ट्रैक्टर पर चढ़ गई। उनके साथ भी धक्का मुक्की हुई। चालक को ट्रैक्टर से नीचे उतारा। इस दौरान पुलिस कर्मचारी भावना गाड़ी व ट्रैक्टर के बीच में गिर गई। उनको भी चोट आई। इस किसानों को हटाने के लिए पुलिस को हल्के बल का भी प्रयोग करना पड़ा। पुलिस की सख्ती और भाकियू के प्रदेश संगठन सचिव हरपाल सुढल के समझाने पर प्रदर्शनकारी किसान बैठक स्थल से पीछे हटे और जगाधरी छछरौली नेशनल हाइवे के बीचोबीच बैठकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। विरोध कर रहे भाकियू (गुणीप्रकाश गुट) के जिलाध्यक्ष सुभाष गुर्जर, एडवोकेट साहब सिंह गुर्जर व संयुक्त मोर्चा की महिला विंग की प्रधान रूपिंद्र कौर सहित 35 किसानों को जबरदस्ती हिरासत में लेना पड़ा। हालांकि एसपी कमलदीप ने प्रदर्शनकारी किसानों को नेशनल हाइवे से उठने का आग्रह किया, लेकिन किसान नहीं मानें। बाद में पुलिस कर्मियों ने जबदरस्ती सड़क एक-एक किसान को उठाया और हिरासत में ले लिया। हिरासत में लिए किसानों को छोड़े जाने के बाद किसान नेशनल हाइवे से उठे। भाजपा कार्यकारिणी की बैठक में बतौर मुख्यातिथि परिवहन, खान एवं भू विज्ञानमंत्री मूल चंद शर्मा व शिक्षामंत्री कंवरपाल सहित अन्य बड़े नेता पीछे के रास्ते से रामलीला भवन में आयोजित बैठक में पहुंच गए। इस दौरान भी बूड़िया चौक पर भी किसानों ने उनका काफिला रोकने का प्रयास किया, लेकिन सफल नहीं हो पाए।

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