तोमर-सिंधिया में वर्चस्व की जंग, अमित शाह के दौरे के बहाने क्या साधना चाहते हैं ज्योतिरादित्य

राजनीति

ग्वालियर। ग्वालियर में पहली बार केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का दौरा है और इसका श्रेय केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को जा रहा है और इस दौरे को लेकर ज्योतिरादित्य सिंधिया अपनी पूरी ताकत झोंक रहे हैं. यही कारण है कि सिंधिया ने अपने सभी समर्थक मंत्रियों और कार्यकर्ताओं को पूरी तरह सक्रिय कर दिया है और दौरे के दौरान आम सभा में एक लाख लोगों की भीड़ जुटाने का लक्ष्य है. बताया जा रहा है कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया आगामी लोकसभा चुनाव के लिए ग्वालियर में अपनी जमीन तलाश रहे हैं. यही कारण है के अमित शाह के दौरे के दौरान वह अपने शक्ति प्रदर्शन में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाह रहे. खास बात यह है इस दौरे के दौरान सिंधिया अमित शाह को अपने महल में मेहमान नवाजी के लिए भी ले जा रहे हैं.

16 अक्टूबर को गृह मंत्री अमित शाह का ग्वालियर दौरा : 16 अक्टूबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का ग्वालियर दौरा है. अमित शाह ग्वालियर में पहली बार आ रहे हैं इसी को लेकर तैयारियां जोर- शोर पर है. सिंधिया समर्थक मंत्री और ज्योतिरादित्य सिंधिया इस दौरे को लेकर 121 अधिकारियों से चर्चा कर रहे हैं. साथ ही हर समय मॉनिटरिंग की जानकारी ले रहे हैं. पहली बार ऐसा मौका है जब केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया बीजेपी में शामिल होने के बाद किसी बड़े नेता को बुला रहे हैं और यही कारण है इस कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया अपनी पूरी ताकत लगा रहे हैं. राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ग्वालियर चंबल अंचल के सबसे सर्वमान्य नेता बनने की होड़ में लगे हुए हैं. यही कारण है कि बीजेपी में शामिल होने के बाद पहली बार देखने को मिल रहा है कि ग्वालियर अंचल में सिंधिया की सक्रियता बाकी नेताओं से सबसे ज्यादा है.

एक तीर से दो निशाने साधने की तैयारी: अमित शाह के ग्वालियर दौरे के दौरान केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया एक तीर से दो निशाने साधने की तैयारी में जुटे हुए है. पहला यह है कि ग्वालियर मैं अमित शाह की बड़ी रैली करके ग्वालियर चंबल संभाग के सबसे बड़े ताकतवर नेता के रूप में अपने आपको साबित करना चाहते हैं. वहीं, ग्वालियर में अमित शाह की बड़ी रैली के बहाने अपनी आगामी लोकसभा चुनाव की जमीन भी तैयार करना चाहते हैं. यही कारण है कि अमित शाह के दौरे को लेकर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने समर्थक मंत्रियों और कार्यकर्ताओं की फौज को एकजुट कर दिया है. माना जा रहा है कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया अमित शाह के सामने अपने आपको सबसे पावरफुल नेता साबित करने की तैयारी में हैं.

Jyotiraditya Scindia interests behind Amit Shah gwalior visit

अमित शाह के दौरे के बहाने क्या साधना चाहते हैं ज्योतिरादित्य

तोमर- सिंधिया में वर्चस्व की जंग: वहीं, इस समय ग्वालियर चंबल अंचल में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के बीच वर्चस्व की जंग सबके सामने आ चुकी है. अभी हाल में ही केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बुलाया था. तोमर ने अपने संसदीय क्षेत्र श्योपुर जिले में स्थित कूनो अभ्यारण में चीतों को बसाने के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बुलाकर अपनी ताकत का एहसास दिलवाया था और अब इसमें ज्योतिरादित्य सिंधिया भी पीछे नहीं हटाना चाहते. यही कारण है पीएम के कार्यक्रम के बाद तत्काल ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अमित शाह का कार्यक्रम फाइनल कर दिया था. 16 अक्टूबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ग्वालियर आएंगे और नवीन एयरपोर्ट का शिलान्यास करेंगे. साथ एक बड़ी आम सभा को संबोधित करेंगे. यही कारण है कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और नरेंद्र सिंह तोमर में आज भी वर्चस्व की जंग है और दोनों दिग्गज नेता अपने आपको अंचल का सबसे सर्व शक्तिशाली नेता मानने में लगे हुए हैं.

2024 का लोकसभा चुनाव ग्वालियर से लड़ने की तैयारी: लिहाजा केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने यह तय कर लिया है आगामी लोकसभा का चुनाव ग्वालियर से ही लड़ने वाले हैं और यही कारण है कि इस समय ज्योतिरादित्य सिंधिया की सक्रियता सबसे ज्यादा ग्वालियर में ही देखी जा रही है. इसलिए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ग्वालियर में सबसे ज्यादा दौरे करते हैं. वही, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दौरे को लेकर वह सबसे ज्यादा सक्रिय नजर आ रहे हैं. शाह के दौरे के दौरान वह अपनी राजनीतिक जमीन तलाशने का काम कर रहे हैं साथ ही यह दिखाने की कोशिश कर रहे हैं इस अंचल के सबसे सर्वमान्य नेता वे ही हैं. वहीं, इसको लेकर कांग्रेस लगातार हमलावर होती नजर आ रही है. कांग्रेस के प्रवक्ता आरपी सिंह का कहना है कि इस समय केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और नरेंद्र सिंह तोमर में आपसी खींचतान की वजह से बीजेपी दो गुटों में फट रही है और भले ही सिंधिया अपने आप को सबसे बड़ा नेता मानते हों, लेकिन जब लोकसभा के चुनाव आएंगे तो ग्वालियर की जनता उन्हें करारा जवाब देगी और तब न तो मोदी जी का जादू चलेगा और ना ही अमित शाह का.

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