इंदौर : इंदौर जिले में शासकीय एवं अशासकीय भूमि पर अतिक्रमण करने वाले बाहुबली, दबंग और माफियाओं के विरूद्ध सख्त कार्रवाई करते हुए उन्हें जेल भेजा जाएगा। कलेक्टर मनीष सिंह ने तहसीलदारों और सभी एसडीओ को निर्देश दिए हैं कि वे इस संबंध में शिकायत मिलते ही तत्परता से कार्रवाई करें, सिविल जेल का आदेश जारी करते हुए ऐसे लोगों को सेंट्रल जेल भेजे। यह कार्रवाई भू-राजस्व संहिता की धारा-248 एवं 250 के अंतर्गत प्रकरण पंजीबद्ध कर की जाए। कलेक्टर मनीष सिंह ने यह भी निर्देश दिए कि ऐसे पटवारी जो निजी कार्यालय अवैध रूप से संचालित कर रहे हैं, उनके विरूद्ध भी कड़ी कार्रवाई की जाए। उन्होंने सभी राजस्व अधिकारियों को नसीहत दी है कि वे ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित करें कि किसी भी आम नागरिेक को राजस्व संबंधी कार्य के लिए भटकना नहीं पड़े, उन्हें पूरा न्याय मिले, आम नागरिकों के काम समय पर हो।
कलेक्टर मनीष सिंह ने ब्रिलियंट कन्वेशन सेंटर में पटवारी से लेकर अपर कलेक्टर स्तर तक के राजस्व अधिकारियों की वृहद बैठक ली। बैठक में अपर कलेक्टर पवन जैन, अभय बेड़ेकर, अजय देव शर्मा, राजेश राठौर तथा आर.एस. मण्डलोई सहित सभी अनुविभागीय राजस्व अधिकारी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक, पटवारी, रीडर्स सहित अन्य कर्मचारी- अधिकारी मौजूद थे। बैठक में कलेक्टर मनीष सिंह ने राजस्व प्रकरणों के निराकरण की अधिकारीवार समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी अपर कलेक्टर एसडीओ के, एसडीओ तहसीलदारों के, तहसीलदार राजस्व निरीक्षकों एवं पटवारियों के कार्यों पर नियंत्रण रखें। उनके कार्यों की सतत मॉनिटरिंग करें। विशेषकर सभी तहसीलदार पटवारियों के कार्यों पर नियंत्रण रखें। उन्होंने राजस्व अधिकारियों से कहा कि वे अच्छा कार्य करने के साथ ही अपनी बेहतर छवि भी बनाये। वे ऐसा कोई भी कार्य नहीं करें, जिससे की छवि पर विपरित असर हो। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे निर्णय लेने की क्षमता विकसित करें, जिससे की समय पर राजस्व प्रकरणों में आदेश पारित हो सकें। उन्होंने कहा कि राजस्व प्रकरणों के निराकरण में अनियमितता तथा लापरवाही बरतने वालों के विरूद्ध कार्रवाई की जायेगी।
बैठक में कलेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि इंदौर नगरीय क्षेत्र में सीमांकन के प्रकरणों को तेजी से निराकृत करने के लिये नगरीय सर्वेक्षकों को सीमांकन के अधिकार दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि बटांकन एवं नामांतरण के आदेश जारी होने के तुरंत बाद ही उसकी इंट्री नक्शे एवं खसरे में अनिवार्य रूप से दर्ज की जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि डायवर्शन के निराकृत सभी प्रकरणों की इंट्री भी अभिलेख में अनिवार्य रूप से दर्ज हो। उन्होंने बैंकों तथा रेरा के तहत बकाया राशि वसूली के लिए दर्ज प्रकरणों में वसूली के कार्य में गति लाने के निर्देश भी दिए। उन्होंने मुख्यमंत्री आवास भू-अधिकार योजना, भू-स्वामित्व योजना, धारणाधिकार योजना के क्रियान्वयन की प्रगति की समीक्षा भी की।
बैठक में कलेक्टर श्री मनीष सिंह ने आयुष्मान योजना के क्रियान्वयन की समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिये कि अभियान चलाकर शेष व्यक्तियों एवं परिवारों के आयुष्मान कार्ड बनाये जाये। जिले में कोई भी पात्र हितग्राही इस कार्ड से वंचित नहीं रहे।
कलेक्टर मनीष सिंह ने जिले में राजस्व प्रकरणों, सीएम हेल्पलाइन में दर्ज प्रकरणों के निराकरण में उत्कृष्ट कार्य करने वाले राजस्व अधिकारियों को पुरस्कृत किया।
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