इंदौर : जीएसटी के तहत हाल ही में कई नोटिफिकेशन एवं सर्कुलर जारी किए गए हैं। इन सभी के विस्तृत विश्लेषण हेतु टैक्स प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन एवं चार्टर्ड अकाउंटेंट्स की इंदौर शाखा द्वारा संयुक्त रूप से कार्यशाला आयोजित की गई। इस कार्यशाला के मुख्य वक्ता सीए सुनील खंडेलवाल थे।
खंडेलवाल ने बताया कि सरकार द्वारा सर्कुलर जारी करके जीएसटी में चल रहे विभिन्न विवादित विषयों पर स्पष्टीकरण दिया गया है। मुख्य रूप से भूखंड का विकास कर इसे बेचने पर कोई कर देयता नही होगी संबधित स्पष्टीकरण के कारण से रियल एस्टेट व्यवसायियों को राहत मिली है।
इसके अलावा टोल चार्जेस, आइसक्रीम पार्लर पर कर की दर, शैक्षणिक संस्थाओं द्वारा विद्यार्थियों से सर्टिफिकेट या फॉर्म जारी करने पर छूट जैसे विषयों पर दिए गए स्पष्टीकरण पर चर्चा की।
इसके अलावा 17 अगस्त को सरकार द्वारा विभागीय अधिकारियों को गिरफ्तारी, सम्मन आदि के संबंध में जारी किए दिशा निर्देशों की भी विस्तृत चर्चा की गई। सीए सुनील ने बताया कि कई बार तीन चार व्यक्तियों के लिए एक ही अरेस्ट मेमो जारी कर दिया जाता है जो गलत है।
अरेस्ट मेमो सभी के लिए अलग अलग होना चाहिए। जिसे अरेस्ट किया जा रहा उसके स्वास्थ्य का ध्यान रखना आवश्यक है। महिला की तलाशी या अरेस्ट, महिला द्वारा ही की जा सकती है ।
सम्मन के संबंध में भी सरकार द्वारा दिशा निर्देश दिया गया है कि सम्मन के पूर्व सामान्य नोटिस के माध्यम से ही जानकारी लेने का प्रयास किया जाना चाहिए। कुछ विशिष्ट दशाओं में करदाता द्वारा बार बार मांगने पर भी जानकारी नहीं देने पर ही सम्मन जारी करना चाहिए। कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर या अन्य उच्च अधिकारियों को केवल तभी सम्मन जारी किए जाने चाहिए जब वे व्यक्तिगत रूप से उस व्यवहार में संलग्न हो।
कार्यक्रम की शुरुआत में टैक्स प्रैक्टिशनर एसोसिएशन के अध्यक्ष शैलेंद्र सोलंकी ने कहा कि जीएसटी के अंतर्गत जारी किए गए नोटिफिकेशन एवं सर्कुलर को इसके सही अर्थ में समझना आवश्यक है। कर दाता एवं कर सलाहकार दोनो को इन निरंतर होने वाले परिवर्तनों की जानकारी होगी तभी सही अर्थ में compliance हो सकेगा।
कार्यक्रम का संचालन सीए जे पी सराफ ने किया। कार्यक्रम में सीए अजय सामरिया, सीए स्वप्निल जैन सहित बड़ी संख्या में कर सलाहकार, सी ए एवं अधिवक्ता उपस्थित थें। आभार प्रदर्शन सीजीएसटी सचिव सीए कृष्ण गर्ग ने किया।