अजमेर. बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना का सितंबर माह के पहले सप्ताह में अजमेर में सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में जियारत करने का कार्यक्रम प्रस्तावित है. इस यात्रा के मद्देनजर बांग्लादेश हाई कमीशन के उच्चायुक्त मोहम्मद इमरान प्रतिनिधिमंडल के साथ अजमेर पंहुचे हैं.
यहां ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह पंहुचकर उच्चायुक्त मोहम्मद इमरान ने प्रतिनिधिमंडल के साथ मखमली चादर और अकीदत के फूल पेश किए. बाद में अंजुमन कमेटी के दफ्तर में प्रतिनिधिमंडल ने कमेटी के पदाधिकारियों से चर्चा की. बाद में प्रतिनिधिमंडल ने दरगाह कमेटी के पदाधिकारियों से भी व्यवस्थाओं को लेकर जानकारी ली. दरगाह परिसर में ही मौजूद दरगाह कमेटी के दफ्तर में अजमेर कलेक्टर अंशदीप और एसपी चुनाराम जाट से भी प्रस्तावित यात्रा को लेकर चर्चा की. सर्किट हाउस में स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों से बातचीत की है. बताया जा रहा है कि उच्चायुक्त मोहम्मद इमरान और उनके साथ आया प्रतिनिधिमंडल जयपुर में भी अधिकारियों से वार्ता करेगा.
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना कई बार अजमेर में ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह आ चुकी हैं. पीएम के पद पर रहते हुए वह तीसरी बार अजमेर आ रहीं हैं. इससे पहले 2010 और 2017 में वह अजमेर शरीफ की दरगाह पर आ चुकी हैं. 1975 से 1980 तक शेख हसीना दिल्ली रहा करती थीं. इस दौरान भी वह अजमेर दरगाह आती रहीं हैं. विपक्ष की नेता रहते हुए भी वह चार बार अजमेर आ चुकी हैं.
प्रधानमंत्री शेख हसीना के अजमेर दरगाह आने पर सैयद कलीमुद्दीन चिश्ती और उनका परिवार उन्हें जियारत करवाता आया है. दरगाह के खादिम सैयद कलीमुद्दीन चिश्ती ने बताया कि सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती में शेख हसीना की गहरी आस्था है. 1975 से वह कई मर्तबा अजमेर आ चुकी हैं. उन्होंने बताया कि यात्रा का कार्यक्रम अभी निर्धारित नहीं है लेकिन माना जा रहा है कि वह 8 सितंबर को आ सकती हैं.