PM ने राज्यों से 3टी, कृषि आधुनिकीकरण पर जोर देने को कहा

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नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि, पशुपालन और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के आधुनिकीकरण की पुरजोर वकालत करते हुए रविवार को कहा कि यह भारत को कृषि क्षेत्र में आत्म-निर्भर बनाने के अलावा वैश्विक अगुआ बनाने में भी मददगार होगा. प्रधानमंत्री ने नीति आयोग के शीर्ष निकाय संचालन परिषद की यहां आयोजित बैठक में आयात घटाने और निर्यात बढ़ाने के लिए राज्यों से ‘3टी’ (व्यापार, पर्यटन और प्रौद्योगिकी) को प्रोत्साहन देने का आग्रह भी किया.

कोविड से निपटने को लेकर राज्यों की तारीफ : उन्होंने यह भी कहा कि जीवनयापन को सुगम बनाने, सेवा की पारदर्शी आपूर्ति और जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करने पर तीव्र गति से जारी शहरीकरण भारत के लिए कमजोरी के बजाय एक ताकत बन सकता है. प्रधानमंत्री ने कोविड-19 महामारी से निपटने में सभी राज्यों के सम्मिलित प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि यह सहकारी संघवाद की धारणा के अनुरूप है. उन्होंने कहा, ‘कोविड से मुकाबला करने में हरेक राज्य ने अपनी ताकत के हिसाब से अहम भूमिका निभाई और इस संघर्ष में अपना योगदान दिया. इससे भारत विकासशील देशों के लिए एक मिसाल और एक वैश्विक नेता के तौर पर उभरकर सामने आया.’

प्रधानमंत्री ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का राजस्व संग्रह बढ़ाने के लिए मिलजुलकर प्रयास करने की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि अभी इस दिशा में व्यापक संभावना मौजूद है. उन्होंने कहा, ‘हमारी आर्थिक स्थिति को मजबूती देने और पांच लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लिए यह बेहद अहम है.’ उन्होंने कहा कि इस बैठक में उठे मुद्दे अगले 25 साल के लिए देश की प्राथमिकताओं को परिभाषित करेंगे. उन्होंने कहा, ‘आज हमने जो बीज बोया, वह वर्ष 2047 में भारत को मिलने वाले फलों को तय करेगा.’

यह कोविड-19 महामारी आने के बाद से संचालन परिषद की पहली परंपरागत बैठक रही. वर्ष 2021 में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये यह बैठक आयोजित की गई थी. संचालन परिषद की बैठक में चार अहम बिंदुओं पर चर्चा की गई. फसल विविधीकरण और दालों, तिलहन एवं अन्य कृषि जिंसो में स्वावलंबन हासिल करना, स्कूली शिक्षा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) को लागू करना, उच्च शिक्षा में एनईपी का क्रियान्वयन और शहरी शासन के मुद्दे चर्चा के केंद्र में रहे.

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