कफन में लिपटी एमपी की स्वास्थ्य व्यवस्था ! मुरैना की घटना पर कांग्रेस ने सरकार से पूछा सवाल

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भोपाल। मुरैना से इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली घटना सामने आई थी. जहां एक 8 साल का मासूम बच्चा अपने 2 साल के छोटे भाई का शव लेकर अस्पताल में बैठा रहा. इस घटना पर पीसीसी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का बयान भी सामने आया है. उन्होंने मध्यप्रदेश की लचर स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर शिवराज सरकार की खिंचाई की है. कमलनाथ ने ट्वीट करते हुए लिखा ”मैं मुख्यमंत्री जी से जानना चाहता हूं कि आखिर क्यों मध्यप्रदेश में नियमित अंतराल पर एंबुलेंस ना मिलने के मामले सामने आते रहते हैं. कभी किसी गर्भवती स्त्री को एम्बुलेंस ना मिलने से प्राण गंवाने पड़ते हैं, तो कभी लोगों को अपने बीमार परिजन को चारपाई पर लिटाकर अस्पताल ले जाना पड़ता है”. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी घटना को लेकर शर्मनाक बताया है.

Kamal Nath slams MP CM

कांग्रेस ने शिवराज सरकार पर साधा निशाना

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कांग्रेस ने घटना को बताया शर्मनाक

चिकित्सा व्यवस्था को मजबूत करें शिवराज: पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एक के बाद एक कई ट्वीट करते हुए घटना को लेकर दु:ख जताया और शिवराज सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने लिखा “मैं आपसे (शिवराज सिंह चौहान) फिर से अनुरोध करता हूं कि राज्य के मुखिया के रूप में, आप चिकित्सा व्यवस्था को मजबूत करें, ताकि राज्य के सात करोड़ लोगों को आपकी लापरवाही का नुकसान न उठाना पड़े”.

ये है पूरा मामला: मुरैना की अंबाह तहसील के बड़फरा गांव निवासी पूजाराम जाटव अपने दो साल के बेटे राजा को एंबुलेंस के जरिए अंबाह अस्पताल से रेफर कराकर जिला अस्पताल मुरैना में लाया था. एनीमिया और पेट में पानी भरने की बीमारी से ग्रसित राजा ने जिला अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था. अंबाह अस्पताल से राजा को लेकर जो एंबुलेंस आई वो वापस चली गई, उसकी मौत के बाद उसके गरीब पिता ने अस्पताल के डॉक्टर और स्टाफ से बच्चे के शव को गांव ले जाने के लिए वाहन की बात कही तो उन्हें यह कहकर मना कर दिया कि “शव ले जाने के लिए अस्पताल में कोई वाहन नहीं है, किराए की गाड़ी से शव ले जाओ.” बाद में अस्पताल परिसर में खड़ी एंबुलेंस के किसी संचालक ने शव ले जाने के लिए डेढ़ हजार रुपये मांगे, लेकिन पूजाराम पर इतनी रकम नहीं थी जिसके बाद वह अपने बेटे के शव को लेकर अस्पताल के बाहर आ गया. जब अस्पताल के बाहर भी कोई वाहन नहीं मिला तो पूजाराम ने अपने 8 साल के बेटे गुलशन को नेहरू पार्क के सामने सड़क किनारे बैठा दिया.

प्रशासन ने दी 10 हजार रूपये की सहायता: इस दिल दहला देने वाली घटना की सूचना मिलने पर कोतवाली टीआई योगेंद्र सिंह वहां आए. उन्होंने मासूम गुलशन की गोद से उसके भाई का शव उठवाया और अस्पताल की एंबुलेंस से ही घर पहुंचाया. इस मामले के तूल पकड़ते ही कलेक्टर बक्की कार्तिकेयन ने इस चिकित्सकों की घोर लापरवाही मानी है. वहीं, प्रशासन ने पूजाराम और उनके परिजनों को 10 हजार रूपये की आर्थिक सहायता दी है. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने बच्चे के शव को घर पहुंचाने में मदद करने लिए टीआई का आभार जताया है.

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