नई दिल्ली: सेक्स स्कैंडल और इसमें पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा के पोते प्रज्वल रेवन्ना का नाम आने से सियासी भूचाल आ गया है। एक ओर जहां पुलिस इस मामले की जांच में जुट गई है। वहीं, जनता दल (सेक्यूलर) के खिलाफ कांग्रेस ने मोर्चा खोल दिया है। दावा किया जा रहा है कि इससे जुड़े हजारों वीडियो सर्कुलेट हो रहे हैं, जिसमें सरकारी अधिकारियों समेत कई बड़े नाम नजर आ रहे हैं।
पहली बार कब आया वीडियो का जिक्र
खास बात है कि पहली बार वीडियो का जिक्र प्रज्वल की तरफ से ही 1 जून 2023 में किया गया था। उस दौरान उन्होंने बेंगलुरु सिविल कोर्ट में 86 मीडिया आउटलेट्स और 3 लोगों के खिलाफ मुकदमा किया था। इस मुकदमे के जरिए मीडिया के खिलाफ गैग ऑर्डर की मांग की गई थी। इसके जरिए कहा गया था, ‘वादी के खिलाफ ऐसी फेक न्यूज, मॉर्फ फोटो/वीडियो प्रतिवादियों की तरफ से प्रसारित, प्रकाशित और सर्कुलेट किए जाने का खतरा है।’
ड्राइवर है अहम कड़ी?
इन लोगों में प्रज्वल के ड्राइव का भी नाम शामिल था, जिसने मार्च 2023 में रेवन्ना परिवार की नौकरी छोड़ दी थी। इससे पहले वह परिवार के साथ 7 सालों तक काम कर रहा था। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, ऐसी अटकलें हैं कि परिवार के सदस्य के तौर पर माने जाने वाले ड्राइवर के पास प्रज्वल के फोन और डिवाइस तक पहुंच थी। कहा जा रहा है कि साल 2023 में उसका एमपी के साथ कुछ विवाद हुआ और उसने वीडियोज को लेकर धमकाना शुरू कर दिया।
दिसंबर 2023 में ड्राइवर की तरफ से हासन में पुलिस शिकायत दर्ज कराई गई थी। इसमें उसने कहा था कि 13 एकड़ जमीन नहीं देने के कारण प्रज्वल और उनकी मां ने उसका और उसकी पत्नी का अपहरण कर लिया था।
भाजपा नेता ने उठाया मुद्दा
भाजपा नेता और वकील जी देवराज गौड़ा ने जनवरी 2024 में इन वीडियोज का मुद्दा उठाया। खास बात है कि गौड़ा की याचिका के चलते ही साल 2023 में प्रज्वल सांसद के तौर पर अयोग्य घोषित हो गए थे। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इसपर रोक लगा दिया था। उन्होंने 2023 में होलनरसीपुर से विधानसभा चुनाव भी लड़ा था, लेकिन प्रज्वल के पिता एचडी रेवन्ना के सामने चुनाव हार गए थे।
रिपोर्ट के मुताबिक, जनवरी में उन्होंने कहा था, ‘रेवन्ना मुझे गंदा बोल रहे हैं। उनके बेटे गंदे हैं। उनकी गंदी तस्वीरें उस केस का हिस्सा हैं, जो उन्होंने कोर्ट में दाखिल किया है। उन्हें स्टे मिल गया है। महिलाओं को सोते हुए वह मेरे वीडियो पेश करें। मैं हर रोज अपने परिवार के पास जाता हूं।’ इतना ही नहीं गौड़ा ने यह भी दावा किया था कि प्रज्वल के ड्राइवर का अदालत में पक्ष रखने के बाद उन्हें वीडियोज मिले थे।
हालांकि, ड्राइवर की तरफ से वीडियोज के बारे में जानकारी होने से इनकार किया गया था। रिपोर्ट के अनुसार, गौड़ा ने कहा था, ‘महिलाओं के सम्मान की खातिर, मैं वीडियो रिलीज नहीं कर रहा हूं। इससे उनके घर में आफत आ जाएगी। अगर महिलाओं ने आत्महत्या कर ली, तो इसका जिम्मेदार कौन होगा?’ उन्होंने यह भी दावा किया था कि इस संबंध में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र को भी सूचित किया गया था।
पेन ड्राइव और हजारों अश्लील वीडियोज
26 अप्रैल को हासन में चुनाव से एक दिन पहले ही हजारों पेन ड्राइव्स के जरिए वीडियो सामने आ गए। कथित तौर पर इनमें 2900 से ज्यादा वीडियोज थे, जिन्हें कथित तौर पर सांसद ने खुद ही रिकॉर्ड किया था। इतना ही नहीं ये वीडियो सोशल मीडिया पर भी शेयर किए गए। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष नागलक्ष्मी चौधरी ने कर्नाटक पुलिस प्रमुख और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को इस संबंध में पत्र लिखा। इसके बाद प्रदेश सरकार ने मामले का संज्ञान लिया।
27 अप्रैल को कर्नाटक सरकार ने वीडियोज की जांच के लिए SIT गठित करने के आदेश दिए। 26 अप्रैल के चुनाव के तुरंत बाद ही प्रज्वल यूरोप टूर के लिए निकल गए थे। इधर, जेडीएस में भी प्रज्वल को भी बाहर करने की मांग उठने लगी थी। अब खबरें हैं कि मंगलवार को जेडीएस रेवन्ना को निलंबित कर सकती है।