इंदौर: मप्र शिक्षा विभाग में सब इंजीनियर 33 साल के महेंद्र मकासरे ने सरकारी नौकरी से इस्तीफा देकर नगर निगम चुनाव में निर्दलीय महापौर पद के लिए चुनाव लड़ रहे है।इंदौर के जोन 14 में आने वाले वार्ड 85 में रहने वाले महेंद्र मकासरे से जानिए सरकारी नौकरी छोड़ महापौर चुनाव लड़ने की कहानी…
मेरे पिता मजदूरी करते थे और मां घर-घर बर्तन धोने का काम करती थीं। मां की इच्छा थी कि मैं खूब पढ़ाई करूं और इंजीनियर बनूं। घर में आर्थिक समस्या के चलते मैंने पिता के साथ मजदूरी की, सब्जी बेचने का काम भी किया, क्योंकि मैं अपनी मां के सपने को पूरा करना चाहता था। अब मेरी मां चाहती हैं कि इंदौर शहर का मेयर बनूं और जनता की सेवा करूं। मैं अपनी मां के हर सपने को पूरा करना चाहता हूं और इसीलिए सरकारी नौकरी छोड़कर मेयर पद के लिए चुनावी मैदान में उतरा हूं। मैं हारा तो भी आगे जनता की सेवा ही करूंगा। मां के सपनों को पूरा करने के लिए मैं कुछ भी करने को तैयार हूं।
मकासरे ने नगरीय निकाय चुनावों में भाजपा, कांग्रेस, आप और एनसीपी के प्रत्याशियों के सामने ताल ठोकी है। मकासरे ने अपना चुनावी घोषणा पत्र भी साझा किया।
शिक्षा विभाग में सब इंजीनियर की नौकरी छोड़ी
मकासरे ने बताया कि इंजीनियरिंग करने के बाद 2009 में शिक्षा विभाग में सब इंजीनियर की नौकरी जॉइन की थी, लेकिन अब इस्तीफा देकर महापौर पद के लिए निर्दलीय नामांकन भरा है। मकासरे आगे बताते हैं कि मां की इच्छा थी कि मैं इंजीनियर बनूं तो मैंने वैष्णव पॉलिटेक्निक से इंजीनियरिंग की। अब मां चाहती है कि मैं जनता की सेवा करूं, इसलिए चुनाव लड़ रहा हूं।
हारा तो भी जन सेवा करूंगा
मकासरे ने कहा, मुझे पूरा विश्वास है कि इंदौर की जनता मुझे अपना आशीर्वाद देकर इंदौर का महापौर बनाएगी, लेकिन किसी कारण से मैं हार भी जाता हूं तो भी मैं अब लोगों की सेवा ही करूंगा। मेरी उम्र 33 साल है और मेरी दो बेटियां हैं। मेरा जन्म बड़वानी में हुआ था, लेकिन पिछले 30 साल से इंदौर के द्वारकापुरी कॉलोनी में रह रहा हूं।
नौकरी में रहते स्कूलों की हालत सुधारी
मकासरे ने बताया कि शिक्षा विभाग में सब इंजीनियर की नौकरी शुरू करने के बाद उन्होंने इंदौर के 80 से 100 साल पुराने 24 जर्जर स्कूलों का सर्वे कर उनकी रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपी। इसके बाद 12 स्कूलों का री-डेवलपमेंट का काम हो चुका है। जबकि 12 स्कूलों का री-डेवलपमेंट का काम चल रहा है।
महापौर बना तो यह करूंगा-
- स्टूडेंट के लिए लोक परिवहन मुफ्त होगी।
- बुजुर्गों को 1 माह में पेंशन चालू।
- हर घर पानी और सड़क, पानी के बिल आधे होंगे।
- कचरा और पानी का शुल्क स्थिर होगा।
- सरकारी स्कूल में हाई क्वालिटी एजुकेशन मिलेगी।
- ठेले और गुमटियों के लिए अलग से बाजार होगा।
- सफाई मित्रों को 20 हजार रुपए प्रति माह वेतन मिलेगा।
- महापौर रसोई योजना में 1 रुपए में खाना मिलोगा।
- हर वार्ड में एक मोहल्ला क्लिनिक की स्थापना होगी।