भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि हमने पब्लिक एसेट मैनेजमेंट कंपनी बनाई. जो पब्लिक एसेट थे, उनको ठीक से मैनेज किया. मध्यप्रदेश पहला राज्य है जिसने यह काम किया. इस कारण हमको केंद्र से इन्सेंटिव मिला. सीएम शिवराज ने कहा कि इसके साथ ही इन्वेस्टमेंट कंपनियों के माध्यम से हमने जो काम किया. इस कारण भी मध्य प्रदेश को इन्सेंटिव मिला.
कैपिटल गेन टैक्स पर वित्त मंत्री से चर्चा : सीएम न कहा कि हमने पब्लिक एसेट मैनेजमेंट के लिए एक एसपी भी बनाई है. जब सरकारी विभाग जब एसेट मैनेज करता है तो कैपिटल गेन टैक्स नहीं लगता, लेकिन अलग से अगर आप कंपनी बनाकर करते हैं तो कैपिटल गेन टैक्स लगता है. मैंने वित्त मंत्री से आग्रह किया कि अगर हम अलग से कंपनी बना रहे हैं तो भी अपनी नीति के अंतर्गत ही कर रहे हैं. इसलिए कैपिटल गेन टैक्स ना लगाएं, ये मेरा निवेदन है. सीएम शिवराज ने कहा कि मध्य प्रदेश गेहूं प्रिक्योर करता है. चावल प्रिक्योर करता है. बाकी चीजें भी प्रिक्योर करके हम भारत सरकार को देते हैं. भारत सरकार के लिए करते हैं. उनके कई क्लेम थे, जो सेटल नहीं हुए थे, क्योंकि 2-3 साल लग जाते, जब तक हम खरीद के सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से बांट देते हैं. उसके बाद वो सेट होते हैं.
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल से भी मिले सीएम शिवराज : सीएम शिवराज ने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल से भी मुलाकात की. सीएम बताया कि हमारे लगभग 6000 करोड़ रुपये की कई साल पुराने क्लेम पेंडिंग हैं और वो दोनों सरकारों में कई बार वहाँ से बिल भेजते हैं, सेटल करने का चक्कर रहता है, उस पर हमारी चर्चा हुई. सीएम ने कहा कि मूँग मध्यप्रदेश में बहुत अच्छा पैदा हुआ है. मूंग हमको किसान से खरीदना है और उसके लिए कृषि मंत्री अनुमति दें. इसका आग्रह कृषि मंत्री और खाद्य मंत्री दोनों से किया है.