इंदौर। भारतीय समाज में सेक्स और उससे जुड़ी सामग्री आज भी निजता का विषय है. यही वजह है कि, लोग सेक्स सामग्री की खरीदी और उपयोग जैसे विषय को अपने या अपने सेक्स पार्टनर तक सीमित रखना चाहते हैं. ग्राहकों को इस परेशानी से बचाने के लिए इंदौर में कंडोम और सेक्स से जुड़ी तमाम सामग्री अब पिक एंड पे के ट्रेंड पर बेची जा रही है. मेडिकल दुकानों पर अब कंडोम कुछ इस तरह सजाया जा रहा है कि, पुरुष हो या महिला इसे अपने हाथ से लेकर खुद ही बिना किसी संवाद के मोबाइल फोन के जरिए पेमेंट कर सकते है.
कंडोम के फ्लेवर की मांग तेज: सेक्स को लेकर खुले पन और आधुनिकता की ओर बढ़ते युवा से लेकर बुजुर्ग तक गर्भनिरोधक उपाय को अपनाने में पीछे नहीं है. इंदौर महानगर में आलम यह है कि, यहां बीते कुछ सालों में कंडोम सहित उत्तेजना की दवा, जेल और ऑयल की बिक्री सौ से डेढ़ सौ फ़ीसदी तक बढ़ चुकी है. इसकी वजह बाहरी आबादी मानी जा रही है. इसके अलावा मेट्रो शहरों में बढ़ते सेक्स लाइफ एन्जॉय करने का कल्चर भी है. ऐसा नहीं है कि, सेक्स सामग्री खरीदने में सिर्फ पुरुष ही आगे हैं. बल्कि कंडोम के अलावा उत्तेजना से जुड़ी सेक्स सामग्री खरीदने वाले ग्राहकों में 25 से 30 परसेंट लड़कियां भी हैं जो सामग्री में भी ब्रांड के हिसाब से अपनी पसंद की और खुद ही चुनना चाहती हैं.
इंदौर में कंडोम खरीदी का नया ट्रेंड
हिचकिचाहट हुई दूर: स्कूल, कॉलेज में पढ़ने वाली लड़कियां और लड़के आधुनिकता के दौर में चाह कर भी मेडिकल की दुकानों पर इसके बारे में अन्य ग्राहकों के रहते खुलकर संवाद नहीं कर पाते थे. दुकानदारों ने इस मनोस्थिति को समझने के बाद अब अपनी दुकानों के बाहर अलग से कंडोम काउंटर सजा रखे हैं. इसकी खासियत यह है कि, जिस ग्राहक को जो ब्रांड चाहिए वह अपने हाथ से लेकर रेट के हिसाब से खुद ही ऑनलाइन या कैश पेमेंट कर दे. नतीजतन सेक्स से जुड़ी सामग्री खरीदने के लिए उसे अब किसी तरह की हिचकिचाहट का सामना नहीं करना पड़ता है. दूसरी तरफ दुकानदारों की ग्राहकी भी तेजी से बढ़ी है. दुकानदार ग्राहकों के मन हर उम्र के लोगों के लिए प्रोडक्ट मंगा रहे हैं.
20 रुपए से लेकर 600 तक के कंडोम: दुकानों में अब कंडोम के छोटे से लेकर बड़े ब्रांड तक मौजूद हैं. इसके अलावा ग्राहकों की डिमांड पर भी उनकी पसंद का ब्रांड उपलब्ध कराया जाता है. इनमें देश की ब्रांडेड कंपनियों के अलावा मध्यम वर्गीय और गरीब ग्राहकों के लिए भी तमाम तरह के उत्पादों की व्यवस्था है. इंदौर के कंडोम विक्रेता निर्मल विश्वकर्मा की माने तो उनके नियमित ग्राहक भी 20 से लेकर 600 रुपए तक के कंडोम का उपयोग (use of condom) करते हैं. कई ग्राहक ऐसे हैं जो अपने बिजनेस टूर अथवा यात्रा के दौरान 20 हजार तक के कंडोम खरीद चुके हैं. इसकी वजह पिक एंड पे कॉसेप्ट ही है.
उत्तेजक दवाओं का जमकर उपयोग: सेक्स के दौरान परफॉर्मेंस के लिहाज से अब दुनिया भर में उत्तेजना पैदा करने वाली दवाओं का क्रेज बढ़ा है. यही वजह है कि मेडिकल शॉप पर सेक्स सामग्री के साथ अब उत्तेजक दवाओं का भी प्रमोशन हो रहा है. जो दवा डॉक्टर की सलाह के बिना भी ली जा सकती है वह अब खुलेआम बिक रही हैं. इसमें कई कंपनियों की आयुर्वेद दवा के अलावा एलोपैथिक दवाएं, तमाम तरह के जेल और ऑयल हैं. इसके अलावा कंडोम में भी फ्लेवर की मांग तेजी से बढ़ी है.
सेक्स टॉयज पर प्रतिबंध: मध्य प्रदेश के अलावा देश में सेक्स टॉयज प्रतिबंधित सामग्री है. यूरोपीय देशों में भले इसका चलन है, लेकिन भारतीय बाजारों में अभी भी इस तरह की सामग्री बेचना प्रतिबंधित है, हालांकि, मेडिकल स्टोर संचालक मानते हैं कि, वर्तमान दौर में ऑनलाइन का ओपन मार्केट होने के कारण ग्राहक सेक्स टॉयज को चोरी छुपे ऑनलाइन मंगा रहे हैं. विदेशी फिल्म और न्यूड सामग्री से लेकर सेक्स टॉयज को लेकर भारतीय युवाओं में आकर्षण बढ़ा है.