कमलनाथ का बड़ा बयान, हमारी सरकार आई तो बैलट पेपर से कराएंगे चुनाव, भाजपा की लगातार जीत पर भी उठाए सवाल

भोपाल। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने केंद्र सरकार से मांग की है कि चुनाव ईवीएम की बजाय बैलेट पेपर से कराए जाएं. उन्होंने आगे कहा कि अगर सत्ता में कांग्रेस की सरकार आई तो हम निर्वाचन आयोग से बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग करेंगे. नाथ ने देश में चुनावों में ईवीएम को लेकर गड़बड़ी की घटनाओं का जिक्र करते हुए बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग की है.

जापान और अमेरिका में बैलेट पेपर से हो रहे चुनाव: कमलनाथ ने कहा विकसित देशों अमेरिका और जापान में क्या ईवीएम से चुनाव हो रहे हैं. जर्मनी में तो सरकार ने अपने संविधान में संशोधन कर बैलेट पेपर के जरिए चुनाव कराए. भारत में बीजेपी लगातार चुनाव जीत रही है तो सवाल उठना लाजमी है. कमलनाथ ने कहा कि जिस सिस्टम पर लोगों को शक है उसको बदला जाना चाहिए. हम सरकार से मांग करेंगे कि ऐसा सिस्टम लाए जिससे सही तौर पर चुनाव हो सके.

ईवीएम की शुरुआत कांग्रेस ने की थी. लेकिन उस समय की टेक्नोलॉजी अलग थी. अब टेक्नोलॉजी में काफी बदलाव आ गया है. हम इलेक्शन कमीशन से मांग करेंगे की बैलेट पेपर से चुनाव कराए जाएं. हमारी मांग बहुत साधारण है. या तो ऐसा सिस्टम लाया जाए जो कुछ देशों में है. जहां बटन दबाया जाता है बैलट निकलकर आता है, उसे बैलट बॉक्स में डाला जाता है. आप देख सकते हैं कि आपका वोट किसे गया, लेकिन यहां कौन सा बटन दबाया, कौन सा निकल आया, कौन सा रिजल्ट आया कुछ पता नहीं चलता.

कमलनाथ, पूर्व मुख्यमंत्री

बहुत उपयोगी रहा चिंतन शिविर, सभी की बात सुनी: कमलनाथ ने चिंतन शिविर को लेकर कहा कि चिंतन शिविर कांग्रेस के लिए बहुत उपयोगी रहा, जिसमें सभी की बात सुनी गई. हर राज्य की समस्या और चुनौतियां अलग-अलग हैं, इस पर भी चर्चा की गई. कांग्रेस ने जो प्रस्ताव चिंतन शिविर में पास किए हैं वह हर कार्यकर्ता तक पहुंचाने का काम किया जाएगा.

प्रदेश में कानून व्यवस्था ठप: पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा कि मध्य प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह ठप है. यह बात उन्होंने गुना में शिकारियों द्वारा पुलिसकर्मियों (Policemen killed in Guna) को मारे जाने के सवाल पर कही. उन्होंने कहा कि गोलीबारी से हुई तीन पुलिसकर्मियों की मौत की घटना पीड़ादायक और दुखद है. प्रदेश मे पुलिस कर्मचारी मारे जा रहे हैं. महिलाओं, आदिवासियों और प्रदेश के सबसे शोषित वर्ग के साथ सबसे ज्यादा अत्याचार हो रहे हैं. शिवराज सरकार अपराधों पर लगाम लगाने में पूरी तरह नाकाम है.

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