खरगोन में सहायता करने के बजाए, दंगा पीड़ितों को बना दिया कर्जदार,ये कैसी राहत

खरगोन मध्यप्रदेश

खरगोन ।   शहर में गत 10 अप्रैल को हुए उपद्रव के बाद शासन के सर्वे में 122 प्रभावितों की सूची बनाई गई। इनमें से जिन पीड़ितों के मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं, उन्हें मकान देने की घोषणा मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने की थी, लेकिन यहां अजीब स्थिति देखने को मिल रही है। उपद्रव पीड़ितों को राहत पहुंचाने के बाद कर्जदार बना दिया गया है। नगर पालिका ने दो पीड़ितों को शहर से करीब चार किमी दूर बनाए प्रधानमंत्री आवास योजना के फ्लैट आवंटित किए हैं। इनमें एक पीड़ित से 25 हजार और दूसरे से 50 हजार रुपये की पहली किस्त जमा करवाई गई है। इन पीड़ितों को कुल दो-दो लाख रुपये जमा करने हैं। जबकि आश्चर्यजनक यह है कि इतनी राशि ही जमा कर आम हितग्राहियों को भी फ्लैट दिए हैं। ज्ञात हो कि उपद्रव में खरगोन के संजय नगर निवासी मंजूला दीपक केवट और भाटवाड़ी मोहल्ला निवासी योगेश दिलीप कानूनगो का घर पूरी तरह नष्ट हुआ है। मंजूला कल्याणी हैं और योगेश के पिता नहीं हैं और वह बेरोजगार है। दोनों ही पीड़ितों को सर्वे के बाद एक लाख एक हजार 100 रुपये की सहायता दी गई है। मुख्यमंत्री तक इन पीड़ितों के बेघर होने की खबर पर इन्हें तुरंत बसाने के निर्देश मिले। जबकि इन दोनों परेशान परिवारों को बसाने के नाम पर नगर पालिका ने पहली किस्त जमा करवा ली है।

व्यवसायी ने की निस्वार्थ सहायता

मंजूला अपने दो बेटों के साथ फ्लैट में रह रही है। वहीं कानूनगो परिवार फिलहाल खरगोन की विश्वसखा कालोनी में व्यवसायी बाली चंदानी के मकान में रह रहा है। चंदानी ने बताया कि कानूनगो परिवार की पीड़ा समझकर उन्हें अपने खाली मकान में रहने की व्यवस्था की है। घर का बहुत कुछ सामान भी दिया है। उन्हें आश्वस्त किया है कि जब तक उनकी स्थायी व्यवस्था ना हो, वे यहां रह सकते हैं।

कैसे जमा करेंगे शेष राशि

पूरी घर-गृहस्थी जलने के बाद दोनों ही परिवारों के सामने सामान्य जीवन का ही संकट है। ऐसे में फ्लैट की शेष राशि का कर्ज चढ़ गया है। जब तक यह राशि जमा नहीं हो जाती है, तब तक वे इस फ्लैट के मालिक नहीं हो पाएंगे। वहीं शहर से काफी दूर होने की परेशानी अलग है। मंजूला केवट के बेटे राहुल ने बताया कि घर चलाने के लिए मां कपड़े सिलाई करती थी और मैं छोटा-मोटा काम, फिलहाल तो दोनों का काम बंद हैं। वहीं योगेश का घर स्वर्गीय पिता की पेंशन और छोटी बहन की निजी स्कूल की नौकरी से चलता था। कैसे जमा किस्त देंगे।

फ्लैट में नहीं रहना है तो वापस हो जाएगी राशि

पूरी तरह मकान क्षतिग्रस्त होने वाले 20 से अधिक पीड़ित हैं। इन सभी को पूर्व में एक-एक लाख रुपये गृह विभाग के निर्देशानुसार दिए जा चुके हैं। वहीं शुक्रवार को मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान निधि से नौ पीड़ितों को एक-एक लाख रुपये और दिए गए हैं। फ्लैट में व्यवस्था की तात्कालिक व्यवस्था है, यदि कोई भी पीड़ित फ्लैट में नहीं रहना चाहता तो नगर पालिका उनकी राशि लौटा देगी। –अनुग्रह पी. कलेक्टर

दोनों परिवारों का बता दिया है गृहप्रवेश

पीड़ित परिवारों को राहत देने के क्रम में दोनों पीड़ित परिवारों को शहर से करीब चार किमी दूर टेमला मार्ग पर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनाई गई मल्टी में फ्लैट आवंटित किए गए हैं। साथ ही दोनों का गृह प्रवेश बताकर खबरें जारी कर दी गई हैं। जबकि कानूनगो परिवार अब भी विश्वसखा कालोनी में सहायता के रूप में मिले मकान में रह रहा है। स्वजन का कहना है कि फ्लैट इतनी दूर है कि वहां से शहर तक आने-जाने की व्यवस्था नहीं है।

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