राजगढ़ में मंदिर तोड़ने पर भाजपा-कांग्रेस में घमासान, ईओ से रिपोर्ट तलब

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जयपुर : राजगढ़ में मंदिर पर चले बुलडोजर के मामले में पक्ष-विपक्ष एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप करने में लगा हुआ है. इस बीच यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने मंदिर तोड़ने का फैसला राजगढ़ नगर पालिका के बीजेपी बोर्ड का बताया और राजगढ़ ईओ को 3 दिन में तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश करने का नोटिस दिया है. वहीं, कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने बीजेपी पर मंदिर और राम के नाम पर वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाया. कांग्रेस सरकार के मंत्रियों के इन आरोपों पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने भी पलटवार किया है

यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने बताया कि अलवर जिले के राजगढ़ नगर पालिका बोर्ड ने 8 सितंबर 2021 को साधारण सभा की बैठक में सर्वसम्मति से तय किया कि मेला ग्राउंड और गोल चक्कर के बीच के अतिक्रमण, इसके अलावा गौरव पथ के अतिक्रमण को हटाया जाए. इस संबंध में अतिक्रमियों को 6 अप्रैल को नोटिस दिया गया. इसके बाद कुछ अतिक्रमियों से बुलाकर बातचीत की और उनकी मांगों का समाधान भी किया गया. आखिर में 2 मंदिर वहां रह गए, जिनमें से एक नवनिर्मित मंदिर नाले पर बना हुआ था. जबकि दूसरा प्राचीन मंदिर था.

इन मंदिरों को 17 और 18 अप्रैल को अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान ध्वस्त किया गया. उस वक्त तक मंदिर हटाने को लेकर कोई विरोध नहीं हुआ. धारीवाल ने कहा कि हाल ही में जो मंदिर निर्मित किया गया था, उसे तो निर्माणकर्ताओं ने ही हटा लिया और दूसरा जो प्राचीन मंदिर था उसे भी पूरा नहीं हटाया गया. उसके आंशिक हिस्से जो रास्ते में रोड़ा बना हुआ था, उसे हटाया गया है. उसी कोने में शिव मंदिर की शिव पंचायत की मूर्तियां कार्रवाई से पहले कायदे से हटाई गई थी.

धारीवाल ने कहा कि जो हुआ वो राजगढ़ में बने हुए भारतीय जनता पार्टी के बोर्ड, उनके चेयरमैन सतीश दुवारिया और वहां मौजूद एग्जीक्यूटिव ऑफिसर की ओर से जिला पुलिस प्रशासन से पुलिस फोर्स की व्यवस्था करवाई गई. एसडीओ से एंबुलेंस की व्यवस्था करवाई गई. इसमें सरकार का कोई लेना-देना नहीं है. न तो सरकार से कोई डायरेक्शन मांगे गए, न सरकार ने उन्हें कोई डायरेक्शन दिए. जबकि सरकार को तो पूजा स्थल को हटाने के लिए 10 बार सोचना पड़ता है. लेकिन इस प्रकरण में न तो डायरेक्टर लोकल बॉडीज से पूछा गया, न एलएसजी सचिव से पूछा गया न ही सरकार को कोई जानकारी दी गई. भारतीय जनता पार्टी के कंट्रोल वाले राजगढ़ नगर पालिका बोर्ड ने सर्वसम्मति से ये फैसला किया और फैसला करने के बाद इस घटना को अंजाम दिया.

धारीवाल ने कहा कि राज्य सरकार ने राजगढ़ के ईओ को तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश करने का नोटिस दिया है. वो पूरा नक्शा समझाएं कि किस सड़क से, कितना अतिक्रमण हटाना था और कितना हटाया गया. जिस मंदिर को तोड़ा गया, उसकी क्या पोजीशन है. 3 दिन में ये रिपोर्ट पेश करने के लिए नोटिस दिया है. इसकी जांच की जाएगी और यदि बोर्ड ने ही ऐसा फैसला लिया है, तो बोर्ड के खिलाफ भी सरकार कार्रवाई करेगी.

प्रताप का आरोप बीजेपी बोर्ड लेकर आई प्रस्तावः मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि राजगढ़ में बीजेपी का बोर्ड जीता है. बोर्ड के चेयरमैन दिनेश खुद ये प्रस्ताव लेकर आए. ये पाप बीजेपी के लोगों ने किया और पूरे देश में कांग्रेस को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं. बीजेपी इस बात को स्वीकार करने को तैयार नहीं कि उनका बोर्ड है, उनका प्रस्ताव था. कांग्रेस सरकार ऐसे काम नहीं करती. इस तरह के मामलों में कांग्रेस सरकार तो खुद ही ज्यादा ध्यान रखती है. क्योंकि बीजेपी का काम ही झूठ, फरेब और धोखा है. इस दौरान उन्होंने नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया के विवादित बयान का भी जिक्र करते हुए कहा कि बीजेपी का चरित्र कई बार सामने आ चुका है. आज फिर चरित्र सामने आ गया. उन्होंने दावा किया कि कोर्ट यदि बीच में नहीं आते हैं, तो कांग्रेस और कांग्रेस का कार्यकर्ता जनता के साथ वहां दोबारा मंदिर बनवा देगी.

खाचरियावास ने कहा कि बीजेपी के नेता मीडिया में लगातार बयानबाजी कर रहे हैं. लेकिन अब जेपी नड्डा को बोलना चाहिए, वो सामने आए. उन्होंने सवाल किया कि आरएसएस के लोग कहां है, कहां है विश्व हिंदू परिषद. जिसने भी शिव परिवार तोड़ा है, वो खत्म हुए हैं. अब बीजेपी की पोल भी खुल गई है. बीजेपी के लोग किसी भी धर्म के सगे नहीं हैं. बीजेपी के लोग सिर्फ वोट की राजनीति करते हैं. यही कोशिश रहती है कि मंदिर-मस्जिद और दूसरे धार्मिक स्थलों को कांग्रेस-बीजेपी में बांट दो. लेकिन ये देश कांग्रेस और बीजेपी का नहीं है. ये देश संविधान का है. उन्होंने मांग की कि मंदिर के मामले में बीजेपी माफी मांगे. वो माने की मंदिर को बीजेपी नेताओं ने तोड़ा. आरोप लगाया कि मंदिर मामले में बीजेपी हमेशा दंगे भड़काने की कोशिश करती है, कोई रोजी-रोटी की बात न करें. आज उस बीजेपी की पोल खुल गई. वो भगवान राम और मंदिर का मुद्दा केवल वोट बैंक के लिए बनाते हैं, इनका आस्था पर कोई विश्वास नहीं है.

पूनिया ने किया पलटवारः कांग्रेस के मंत्रियों की ओर से राजगढ़ के बीजेपी बोर्ड को कटघरे में खड़ा करने के बाद बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने पलटवार करते हुए कहा कि एक चोरी और ऊपर से सीनाजोरी. कांग्रेस पार्टी के लोग इस कृत्य की तोहमत बीजेपी के बोर्ड पर लगा रही हैं. उन्होंने सवाल किया कि अतिक्रमण तोड़ने का फैसला क्या सिर्फ बोर्ड करता है. डीएलबी, प्रशासन, सरकार अधिकारी की ओर से मिलकर ये फैसले लिए जाते हैं. पूनिया ने कहा कि एक बात साफ तौर पर नजर आती है जो पॉलिटिकल और पब्लिक डोमेन में नहीं है. उन्होंने कहा कि उस जगह के विधायक जोहरी लाल मीणा का एक वीडियो जनता के समक्ष है. जिसमें वो कह रहे हैं कि 34 की 34 पार्षद मेरे साथ खड़े हो वरना, कोई न कोई कार्रवाई होगी.

दूसरी तरफ पर्दे के पीछे एक और चौंकाने वाली बात है. जोहरी लाल मीणा के पुत्र के खिलाफ नाबालिग ने गैंग रेप का मुकदमा दर्ज कराया. उसमें कुछ लोग पकड़े गए, कुछ लोग फरार हैं. जिसमें विधायक का पुत्र भी शामिल है. अब विधायक के पुत्र पर कार्रवाई न हो ये सरकार के ऊपर दबाव होता है. उसी विधायक के दबाव पर कस्बे के लोगों को भय आक्रांत करने के लिए मुख्यमंत्री और राजस्थान सरकार के इशारे पर 300 साल पुराने मंदिर को तोड़ दिया जाता है. कांग्रेस पार्टी के पास बचाव का कोई रास्ता नहीं है तो उनके पार्टी के मंत्री और अध्यक्ष ये सब आनन-फानन में बेतुके के बयान दे रहे हैं. लेकिन ये प्रकरण शीशे की तरह साफ है.

बीजेपी ने किया प्रतिनिधि मंडल भेजने का फैसलाः सतीश पूनिया ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने वहां प्रतिनिधिमंडल भेजने का फैसला किया है. वो जाएंगे, तथ्यपरक जानकारी लेंगे. पूनिया ने आरोप लगाया कि सरकार और मुख्यमंत्री की तुष्टीकरण की नीति है, उन्हें अपने कुछ वोट बैंक को खुश करना है. वो खुश तभी होंगे जब हिंदुओं की आस्था पर बुलडोजर चलेगा. करौली की घटना भी अपने आप में एक बड़ा प्रमाण है. रामनवमी पर धारा 144 लगाई गई. ये प्रमाण है कि बहुसंख्यक लोगों को दबाने की राजस्थान में कोशिश की जा रही है. उसी का नतीजा है कि हिन्दू की आस्था के प्रतीक को इस तरह से तोड़ा जाना. सरकार इसे लेकर कोई भी तर्क दे, लेकिन उन्हें आज नहीं तो कल इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी.

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