लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों से अपने दायित्व के प्रति सजग रहने की हिदायत देकर कहा कि लेटलतीफी अथवा एक दूसरे पर जिम्मेदारी टालने की प्रवृत्ति कतई स्वीकार नहीं होगी। प्रदेश में लगातार दूसरी बार सरकार की कमान संभालने के बाद योगी ने बुधवार को उच्चाधिकारियों की बैठक में कहा कि समस्याओं के निस्तारण की जवाबदेही तय हो। लेटलतीफी अथवा एक-दूसरे पर जिम्मेदारी टालने की प्रवृत्ति स्वीकार नहीं होगी। कैबिनेट के समक्ष विभागीय प्रस्तुतियां संबंधित मंत्री द्वारा ही किया जाएगा जबकि अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव केवल मदद के लिए मौजूद रहने वाले हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी विभागाध्यक्ष गण अपने अधीनस्थ कार्यालयों का औचक निरीक्षण करें। कार्यालयों में स्वच्छता, निस्तारित होने के लिए लंबित फाइल की स्थिति, जन शिकायतों के निस्तारण की स्थिति, कार्मिकों की उपस्थिति, समयबद्धता आदि की वस्तुस्थिति का परीक्षण किया जाए।
कोरोना के कारण प्रभावित शैक्षिक गतिविधियों पर चिंता जताकर मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के कारण विगत 2 शैक्षिक सत्र प्रभावित रहे हैं। भौतिक पठन-पाठन नहीं हो सका। इसलिए आगामी सत्र की शुरुआत से पूर्व ‘स्कूल चलो अभियान’ को वृहद स्वरूप दिया जाना आवश्यक है। विभागीय मंत्री के परामर्श से अभियान के संबंध में विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर ली जाए। एक भी बच्चा स्कूल से वंचित न रहे। उन्होंने कहा कि व्यवस्था की पारदर्शिता और अभिभावक की सुविधा के द्दष्टिगत बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में बच्चों के गणवेश आदि के लिए धनराशि सीधे अभिभावक के बैंक खाते में भेजे जाने की व्यवस्था की गई है। इसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिले हैं। यह सुनिश्चित किया जाए कि बच्चे निर्धारित गणवेश में ही विद्यालय आएं।
वहीं योगी ने कहा कि गेहूं खरीद की प्रक्रिया एक अप्रैल से प्रारंभ हो रही है। यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी क्रय केंद्र पर किसानों को समस्या न हो, भंडारण गोदाम हो या क्रय केंद्र, हर जगह गेहूं की सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए जाएं। प्रत्येक दशा में किसानों को एमएसपी का लाभ मिलना ही चाहिए। सभी क्रय केन्द्रों पर पूरी पारदर्शिता के साथ गेहूं खरीद कराई जाए। किसान को अपनी उपज बेचने में कोई असुविधा न हो। किसानों की उपज का समयबद्ध ढंग से भुगतान कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में निवेश कर रहीं औद्योगिक इकाइयों को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा इंसेंटिव प्रदान किया जा रहा है। ऐसे सभी प्रकरणों की गहन समीक्षा कर यथाशीघ्र यथोचित समाधान किया जाए।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि हर साल आग लगने के कारण गेहूं की फसल जलने की दु:खद घटनाएं होती हैं। इस संबंध में सुरक्षा के आवश्यक उपाय किए जाने चाहिए। फसल बीमा योजना से कवर किसानों के अलावा यदि किसी किसान की फसल बिजली के तार गिरने/आग लगने से जलती है,तब उसे भी मंडी समिति के माध्यम से नियमानुसार मुआवजा दिया जाए। उन्होंने कहा कि गर्मी का समय शुरू हो गया है। अत: सभी 75 जिलों में जलापूर्ति की सुविधा का परीक्षण कर लिया जाए। सभी हैंडपंप क्रियाशील रहें। इसके लिए संबंधित विभाग व संस्थाओं द्वारा तत्काल कार्य किया जाए। शुद्ध पेयजल की आपूर्ति के लिए संचालित ‘हर घर नल योजना’ अंतर्गत पाइपलाइन डाली जा रही है। जहां पाइपलाइन डाली जा चुकी है, वहां बरसात से पहले पाइपलाइन के लिए खोदे गए गड्ढों को भर दिया जाए, ताकि लोगों को असुविधा न हो।
मजाक चल रहा है क्या… पहले मुख्य सचिव ने संविदा सफाई कर्मियों को हटाने का दिया आदेश, अब विशेष सचिव नगर विकास ने तय किया वेतन, करना क्या चाहता UP का ‘नकारा सिस्टम’?
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