आगरा: ताज महोत्सव में शिल्पग्राम गुलजार हो गया है. कला, शिल्प और व्यंजनों के संगम से शिल्पग्राम मिनी भारत बन गया है. यहां कलाकार मंच पर अपनी बेहतरीन प्रस्तुतियों से रंग जमा रहे हैं तो वहीं शिल्पियों के हुनर की खूब सराहना हो रही है. खाने-पीने के शौकीन विजिटर्स मनपसंद व्यंजनों का लुफ्त उठा रहे हैं. ताज महोत्सव में आकर्षण का केंद्र हरियाणा के गोहाना से आए नरेश कुमार के बड़ी-बड़ी जलेबियां हैं. जिनके स्वाद के दीवाने बड़े-बड़े राजनेता, सेलिब्रिटी हैं. हलवाई नरेश कुमार का कहना है कि वो पीएम मोदी और सीएम योगी के दीवाने हैं. अब गोरखपुर जाकर सीएम योगी को अपनी जलेबी का स्वाद चखाना है.
ताज महोत्सव में एक दशक से हरियाणा के गोहाना से नरेश कुमार अपनी बड़ी-बड़ी जलेबियां का स्वाद लेकर आ रहे हैं. महोत्सव में उनकी स्टॉल पर देर रात तक जलेबी के शौकीनों की लाइन लगी रहती है. नरेश कुमार की जलेबी की खासियत है कि बाजार में मिलने वाली जलेबी से काफी बड़ी है. इनकी जलेबी के एक पीस का वजन 250 ग्राम है, जिसकी कीमत 80 रुपये है. नरेश कुमार बताते हैं कि उनकी जलेबी का स्वाद पूर्व उप प्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल को बहुत पसंद था. हर दिन वो गोहाना से नई दिल्ली 1 किलो जलेबी चौधरी देवी लाल के घर पहुंचाते थे. जब वो हरियाणा के मुख्यमंत्री बने तब भी एक किलोग्राम जलेबी गोहाना से हर दिन चंडीगढ़ जाती थी.
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला और हरियाणा के वर्तमान मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भी उनकी जलेबी के स्वाद के दीवाने हैं. नरेश कुमार के मुताबिक पूर्व रक्षा मंत्री स्वर्गीय मनोहर पार्रिकर ने भी उनकी जलेबी का स्वाद चखा है. बॉलीवुड और पंजाबी सिंगर और अभिनेता भी उनकी जलेबी को खूब पसंद करते हैं. अब यूपी के सीएम योगी को भी अपनी बड़ी जलेबी का स्वाद चखाना है. इसके लिए वो गोरखपुर महोत्सव में भी जाएंगे.
नरेश हलवाईने बताया कि बेसन, मैदा और सूजी से जलेबी बनाते हैं. देसी घी से जलेबियां तैयार की जाती हैं. यह उनका पुश्तैनी काम है. पिता के बाद उन्होंने इसे संभाला और अब इस काम में बेटे उनकी मदद करते हैं. पंजाब से आईं देवेंद्र कौर ने बताया कि पंजाब में जलेबियां खूब फेमस हैं. लेकिन पहली बार उन्होंने यहां इतनी बड़ी जलेबी देखी और खाई है. पंजाब में छोटी-छोटी जलेबी मिलती हैं. यहां की एक जलेबी पूरे परिवार के लिए काफी है. बृजेश कुमार द्विवेदी ने बताया कि जलेबी बहुत ही टेस्टी है. उन्होंने पहले ऐसी जलेबी नहीं खाई. यह जलेबी अच्छी तरह से घी में पकी है. इसलिए कोई नुकसान नहीं करेगी.
धधकते फायर पान के भी दीवाने दिखे लोग- ताज महोत्सव में धधकते और धुएं के गुबार वाले स्मोक पान के भी लोग दीवाने दिखे. आग की लपटों वाला पान जैसे ही शौकीनों के मुंह में जाता है, तो गजब सी ठंडक का एहसास कराता है. ऐसी ही ठंडक ‘स्मोक पान’ चबाने में मिलती है. ताज महोत्सव में ‘फायर पान’ और ‘स्मोक पान’ के स्वाद और खासियत की लोगों ने खूब सराहना की. ताज महोत्सव में आधा दर्जन से ज्यादा पान की स्टॉल लगी हैं. हर स्टॉल पर मीठे पान, चाकलेट पान के साथ ही ‘फायर पान’ और ‘स्मोक पान’ उपलब्ध है. खासकर सहारनपुर से आए सोनू के स्टाल पर पान के शौकीनों की भीड़ लगी रहती है.
स्मोक पान चबाते ही लगा जैसे पहुंच गए कश्मीर- ताज महोत्सव में आयी हर्षिता ने बताया कि स्मोक पान का बहुत अच्छा एक्सपीरियंस रहा. स्मोक पान बहुत ठंडा है, इसे मुंह में रखते ही गजब की ठंडक मिलती है. इसका स्वाद बहुत अच्छा है. वहीं, पाविका तलरेजा ने बताया कि फायर पान बहुत अच्छा लगा. इसकी फीलिंग्स स्मोकी है और बहुत टेस्टी है. अनिल गुप्ता ने बताया कि स्मोक पान खाया तो ऐसा लगा जैसे कश्मीर पहुंच गए. नाक-कान और मुंह में कश्मीर दिखाई दे रहा था, दिमाग ठंडा हो गया.
पान विक्रेता सोनू के मुताबिक उनके पास मीठा पान, चॉकलेट पान, फायर पान और स्मोक पान है. ‘फायर पान’ और ‘स्मोक पान’ की खूब डिमांड है. इन पान में माउथ फ्रेशनर होता है. 70 रुपये का स्मोक और 50 रुपये का फायर पान है. स्मोक पान में लिक्विड नाइट्रोजन होती है. ऐसे ही फायर पान में माउथ फ्रेशनर के साथ मिंट, पिपरमेंट और ब्रास होता है. जिसमें आग लगती है. गौर है कि 20 मार्च को शुरू हुआ ताज महोत्सव 29 मार्च को खत्म हो जाएगा. इसलिए अगर आप जलेबियों या पान के शौकीन हैं, या ताज महोत्सव के की स्पेशल जलेबियों, पान या अन्य व्यजनों का लुफ्त उठाना चाहते हैं तो अभी आपके पास एक दिन का समय है.