शुभ कार्यों में मंगल की होती है अहम भूमिका

धर्म-कर्म-आस्था

मंगल कार्य में सबसे बड़ी भूमिका स्वयं मंगल की होती है। इसके बाद इसमें तमाम शुभ ग्रहों की भूमिका होती है। गुरु भी शुभ और मंगल कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। शनि, राहु और केतु मंगल कार्यों में आम तौर पर बाधा देते हैं। मंगल जब ख़राब हो तो मंगल कार्य होना एक चुनौती हो जाती है। 
कब घर में शुभ कार्य सरलता से होते हैं?
मंगल ग्रह के अनुकूल होने पर शुभ कार्य आसानी से हो जाते हैं। चन्द्रमा की शुभ दशा होने पर भी मंगल कार्य होते हैं। गुरु के कुंडली में शुभ होने पर भी मंगल कार्यों का संयोग बनता है। साढ़े साती या ढैय्या के उतरने पर भी शुभ कार्यों की स्थिति बनती है। किसी संत महात्मा के आशीर्वाद मिलने पर भी ऐसा होता है।   
कब घर में मंगल कार्य नहीं होते?
जीवन में शनि की दशा चलने पर मुश्किल आती है।कुंडली में राहु का प्रभाव ख़राब होने पर मंगल कार्य नहीं होते हैं।गुरु के अशुभ होने पर भी मंगल कार्य नहीं होते हैं।घर में नियमित कलह क्लेश होने पर भी शुभ कार्यों के योग नहीं बनते हैं।घर के मुख्य द्वार के ख़राब होने पर भी ऐसी स्थिति बनती है।
घर में मंगल कार्य कराने के उपाय?
घर में पूजा का स्थान बनाएं और नियमित तौर पर पूजा उपासना करें। घर में सप्ताह में एक बार सामूहिक पूजा जरूर करें। घर में कलह क्लेश कम से कम करें। घर के मुख्य द्वार पर नियमित बंदनवार लगाएं। घर में नियमित भजन कीर्तन की ध्वनि आती रहे तो उत्तम होगा। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *