नई दिल्ली/लखनऊ/पटना/उज्जैन : देश में होली का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है. लोग अपने-अपने घरों से निकलकर एक दूसरे को होली की बधाई देकर रंगों में सराबोर कर रहे हैं. चौराहों और गली नुक्कड़ों पर हुड़दंगियों की टोली हुड़दंग में मस्त हैं. जगह- जगह ‘होली है’ की गूंज सुनाई दे रही है. कहीं रंग से तो कहीं गुलाल से लोग होली मना रहे है. इस बीच लोग शेरो शायरी और नाच गाने का भी जमकर आनंद ले रहे हैं.
आज हम आपको देश के अलग-अलग हिस्सों से होली से संबंधित मिल रही खबरों के बारे में जानकारी देंगे और साथ ही होली की शायरी और बेहतरीन फोटो, वीडियो भी शेयर करेंगे
बिहार की कुर्ता फाड़ होली…
नालंदा में दो साल बाद कुर्ता फाड़ होली मनाते दिखे युवक.कोरोना काल की वजह से पिछले दो साल से होली का जश्न फिका रह जा रहा था. जिस तरीके से यूपी के मथुरा में लठमार होली काफी प्रसिद्धा है ठीक उसी तरह बिहार में कुर्ता फाड़ होली की भी चर्चा खूब होती है. बिहारशरीफ में युवकों की टोली ने जमकर कुर्ता फाड़ होली का आनंद लिया है.
बिहार में होली पर चैता गीत…..
पूरे देश में होली का त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया जा रहा है. ऐसे में फगुआ में चैता गीत ना सुने तो फागुन किस काम का. आपको बता दें कि चैती एक खास तरह का लोकगीत है. जिसे चैत के महीने में गाया जाता है. चैती गीत को भोजपुरी में घाटो, मगही में चैता, मैथिली में चैतावर कहा जाता है. लेकिन वर्षों पहले से अब फागुन और चैत गीत गाने की परंपराएं विलुप्त हो चुकी हैं. फागुन आते ही हंसी-ठिठोली, उल्लास और अल्हड़पन का माहौल अब गायब हो गया है. लेकिन लेकिन कुछ कला प्रेमियों ने विलुप्त हो रहे लोक उत्सव और लोक गीतों को पुनर्जीवित करने का प्रयास शुरू किया गया है. मुंगेर में कुछ ऐसे फगुआ गाने वाले फनकार (ग्रामीण) है जो अभी भी चौपाल पर ढोलक की ताल और मंजीरे पर झूमते हुए हर्षोल्लास के साथ चैता गीत गाते हैं. चैती गीत के हर पंक्ति में गायक हो रामा या आहो रामा शब्द गाते हैं. इसके अलावा पूर्वांचल में फगुआ गीत भी हर्षोल्लास के साथ गांव में चैती गीत के साथ ग्रामीण गाते हैं. चैत महीने की शुरुआत में “चैता” गाया जाता है. जिसमें भगवान शिव और राधा कृष्ण से संबंधित लोकगीत गाए जाते हैं.
वाराणसी में होली है…….
होली का त्यौहार रंग खुशहाली और गीत-संगीत के साथ मनाया जाता है. इस त्यौहार में हर रंग देश की संस्कृति व परंपरा को बयां करते हैं. खैर, होली के हुड़दंग के बीच अगर लोक कलाकारों की संगीत की महफिल न सजे तो फिर यह त्यौहार थोड़ा फीका लगता है. वहीं, बात अगर काशी की करें तो फिर यह शहर तो संगीत की नगरी है. ऐसे में आइए होली के खास मौके पर पूर्वांचल की लोककला और यूपी की धड़कन कही जाने वाली चैती और कजरी के साथ गीत-संगीत की महफिल का आनंद लें. वहीं, काशी हिंदू विश्वविद्यालय के संगीत विभाग के डॉ. विजय कपूर के साथ उनके साथी कलाकारों ने ईटीवी भारत के खास कार्यक्रम में होली के एक से बढ़कर एक गीत गाए.
उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में होली
उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में होली का पर्व पूरे विधि विधान के साथ मनाया गया. यहां पर भगवान महाकाल की भस्म आरती में पंडे, पुजारियों और भक्तों ने जमकर खेली होली. इस दौरान भगवान महाकाल का अलग-अलग कलर से किया गया था अद्भुत श्रृंगार. कोरोना काल के कारण 2 साल से भक्त भगवान महाकाल के साथ होली नहीं खेल पा रहे थे, इस बार बाबा महाकाल के साथ होली का उत्सव धूम-धाम से मनाया जा रहा है.
गिरिडीह में होली…..
कोरोना के कारण पिछले दो वर्षों से फीकी रही विश्व प्रसिद्ध जैन तीर्थस्थल मधुबन की होली में इस बार भक्ति के साथ साथ उमंग भी देखा जा रहा है. दो वर्षों बाद होली में देश के विभिन्न इलाके से भक्तों का जमवाड़ा मधुबन में लगा है. यहां पहुंचे लोग भगवान पार्श्वनाथ के साथ साथ भोमियाजी महाराज की भक्ति में लीन हैं. लोग भगवान भोमियाजी महाराज की अर्चना व होली खेलने पहुंचे हैं.
सजा हुआ है मधुबनः होली को लेकर पूरा मधुबन सजा हुआ है. हर मंदिर, कोठी, धर्मशाला को सजाया गया है. जैन स्वेताबर सोसायटी परिसर खासकर भोमियाजी महाराज के दरबार को विशेष तरीके से सजाया गया है. यहां पूर्णिमा की रातभर भजन का आयोजन भी हुआ जिसमें भक्त झूम उठे. सोसायटी के कमल सिंह रामपुरिया, अजयचंद बोथरा, जिग्नेश भाई दोषी भी पहुंचे. वहीं उल्लासपूर्ण आयोजन में दीपकभाई मेपानी का विशेष सहयोग रहा. इनके अलावा दीपक बेगानी, संजीव कुमार पांडेय, विक्की, शैलेंद्र सिंह, नीलकंठ, गिरधारी सिंह, राजकुमार समेत जेएसएस के कई कर्मी भी भक्तों की सेवा में जुटे हुए थे.