बाबा बैद्यनाथ-मां पार्वती मंदिर के शिखर से खुलेगा पंचशूल, महाशिवरात्रि से जुड़ी है परंपरा

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झारखंड के देवघर जिला में स्थित बाबा बैद्यनाथ के मंदिर में महा शिवरात्रि से पहले पंचशूल की साफ-सफाई करने की विशेष परंपरा है. बाबा भोलेनाथ एवं मां पार्वती मंदिर के शिखर से पंचशूल को उतारा जायेगा. पंचशूल की सफाई करने के बाद महा शिवरात्रि से पहले सोमवार (28 फरवरी 2022) को विशेष पूजा के बाद उसे शिखर पर चढ़ा दिया जायेगा.

दोपहर दो बजे के बाद खुलेगा पंचशूल

रविवार दोपहर तीन बजे के बाद बाबा मंदिर एवं मां पार्वती मंदिर के शिखर से पंचशूल को उतारा जायेगा़ महाशिवरात्रि के पूर्व बाबा मंदिर सहित परिसर में स्थित सभी मंदिरों के शिखर से पंचशूल को उतारकर साफ-सफाई करने की परंपरा है़ इसी परंपरा के तहत परिसर के सभी मंदिरों से पंचशूल को उतारा जा चुका है़ रविवार को दोनों मुख्य मंदिर से पंचशूल को उतारा जायेगा़ विशेष पूजा के बाद दोबारा शिखर पर पंचशूल को लगा दिया जायेगा़

पहले खुलेगा गठबंधन

पंचशूल खोलने के पूर्व शिव शंकर भंडारी की अगुवाई में बाबा शिव शंकर एवं मां पार्वती के प्रेम के प्रतीक गठबंधन को खोला जायेगा़ उसके बाद बाबा एवं माता मंदिर पर लगे पंचशूल को खोलकर नीचे लाया जायेगा़ वहीं, बाबा एवं माता मंदिर से खुले पंचशूल का मिलन कराया जायेगा़ इस दृश्य को देखने एवं पंचशूल को स्पर्श करने के लिए काफी भीड़ जुटने की उम्मीद है. पंचशूल को स्पर्श करने के लिए उपायुक्त (डीसी), पुलिस अधीक्षक (एसपी) सहित प्रशासनिक अधिकारी भी मंदिर में मौजूद रहेंगे़

सोमवार को होगी विशेष पूजा

पंचशूल को खोलकर प्रशासनिक भवन में भंडारी एवं आम लोगों के द्वारा इसकी अच्छे से सफाई की जायेगी़ बाबा मंदिर के शिखर पर लगे सवा मन के सोने के कलश एवं माता मंदिर के गुंबद पर लगे चांदी के कलश को भी साफ किया जायेगा. वहीं, सोमवार को राधा-कृष्ण के बरामदे पर पंचशूल पूजा का आयोजन किया जायेगा़ इसमें आचार्य गुलाब पंडित एवं सरदार पंडा श्रीश्री गुलाब नंद ओझा करीब एक घंटा तक सभी पंचशूलों का विधिवत तांत्रिक विधि से पूजन करेंगे. पूजा में भोग आदि अर्पित करने के बाद आरती के साथ पूजन संपन्न होगी. इसके बाद गणेश मंदिर से पंचशूल को लगाने की प्रक्रिया शुरू की जायेगी.

सरदार पंडा चढ़ायेंगे पहला गठबंधन

बाबा एवं माता मंदिर में पंचशूल लगने के बाद सरदार पंडा के द्वारा बाबा भोलेनाथ एवं मां पार्वती मंदिर के बीच पहला गठबंधन चढ़ाया जायेगा. उसके बाद आम लोग गठबंधन चढ़ा सकेंगे.

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