नई दिल्ली: रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण के बाद अमेरिका द्वारा बनाई गई यूरोपीय सुरक्षा संरचना टूट गई है. लेकिन इसके अलावा रूस पर पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गए युद्ध और अनुवर्ती प्रतिबंधों के गंभीर आर्थिक परिणाम होंगे. दुनियाभर के आर्थिक जानकार गैस और तेल की ऊंची कीमतों के साथ-साथ वैश्विक मुद्रास्फीति में वृद्धि सहित का अनुमान लगा रहे हैं. ऑक्सफोर्ड इकोनॉमिक्स की प्रमुख अर्थशास्त्री तातियाना ओरलोवा द्वारा किए गए एक विश्लेषण के अनुसार, सबसे स्पष्ट तौर पर तेल, गैस और कुछ गैर-ऊर्जा वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि बाहर की अर्थव्यवस्थाओं को प्रभावित करेगी.
एक रिपोर्ट में, तातियाना ओरलोवा लिखती हैं कि अब इस साल की दूसरी छमाही (जुलाई-अगस्त की अवधि) के शुरुआती महीनों तक तेल की कीमतें 100 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर बने रहने की उम्मीद है. थिंक टैंक ने इस साल यूरोपीय गैस की कीमतों के लिए अपने पूर्वानुमानों को भी संशोधित किया है. उन्होंने कहा कि हमारे यूरोपीय गैस मूल्य पूर्वानुमानों को भी भारी संशोधित किया गया है. 2022 के अंत तक गैस की कीमतें 30 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू (मिलियन मीट्रिक ब्रिटिश थर्मल यूनिट) से ऊपर रहने की उम्मीद है. उसके बाद ही उसमें कमी की उम्मीद की जा सकती है.
गेहूं के वैश्विक व्यापार में भी दिखेगा असर
पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के कारण रूसी गेहूं की आपूर्ति में किसी भी तरह का व्यवधान वस्तु की वैश्विक कीमतों पर प्रभाव डालेगा. ऑक्सफोर्ड इकोनॉमिक्स ने कहा कि गेहूं और मकई की कीमतों में संभावित व्यवधान से कृषि खाद्य कीमतों में तेजी आएगी. जो एक साल पहले की कीमतों की तुलना में लगभग 30% अधिक हो सकती है.
बढ़ी हुई मुद्रास्फीति रूस, यूरोप को कड़ी टक्कर देगी
तातियाना ओरलोवा ने कहा कि यूरोज़ोन में औसत वार्षिक सीपीआई मुद्रास्फीति इस साल बढ़कर 4.6% और 2023 में 1.3% हो जाएगी, जो कि हमारे फरवरी बेसलाइन पूर्वानुमानों की तुलना में क्रमशः 7 आधार अंक और 40 आधार अंक अधिक है. अर्थशास्त्री का कहना है कि रूस-यूक्रेन युद्ध का दुनिया के बाकी हिस्सों में महंगाई के कारण होगा. थिंक टैंक द्वारा 5.9% के पहले के अनुमान की तुलना में 2022 में अमेरिकी मुद्रास्फीति औसतन 6.5% रहने की उम्मीद है. इसी तरह, ऑक्सफोर्ड इकोनॉमिक्स का कहना है कि इस वर्ष के लिए वैश्विक सीपीआई मुद्रास्फीति पूर्वानुमान 70 आधार अंक बढ़कर 6.1% हो गया है.