भोपाल। 17 से होने वाली बोर्ड परीक्षाओं की पूरी तैयारी कर ली गई हैं. प्रदेश के साथ ही राजधानी में भी कोविड-19 पॉजिटिव बच्चों के लिए अलग से कक्ष रखा गया है. सभी टीचर्स को यह निर्देश दिए गए हैं कि बच्चों से विनम्र होकर बात करें. बच्चों को किसी भी मामले में तनाव देने की जरूरत नहीं है. इसके साथ ही स्कूलों में प्रश्न पत्र पहुंचने का सिलसिला भी शुरू हो गया है. भोपाल में 403 सेंटरों में 37000 बच्चे बोर्ड परीक्षाएं देंगे.
18 फरवरी को होगी 10वीं की परीक्षा
माध्यमिक शिक्षा मंडल की बोर्ड परीक्षाएं दो साल बाद ऑफलाइन होने जा रही हैं. 17 फरवरी से परीक्षाएं शुरू होंगी, जिसमें सबसे पहले 12वीं का पेपर होगा. वहीं 18 फरवरी से दसवीं की परीक्षाएं शुरू हो रही हैं. इसको लेकर स्कूलों में तमाम इंतजाम कर लिए गए हैं. मध्यप्रदेश में इस बार बोर्ड की परीक्षा 18 लाख से अधिक बच्चे देंगे, तो भोपाल में भी 403 सेंटरों पर 37000 से ज्यादा स्टूडेंट्स इन परीक्षाओं को दे रहे हैं.
स्कूल के गेट पर चेक होगा टेंपरेचर
स्कूलों में गेट पर ही बच्चों का टेंपरेचर चेक किया जाएगा. उसके बाद सेनेटाइजर कराकर ही उनको प्रवेश दिया जाएगा. कक्षाओं के अंदर छात्रों को डिस्टेंस से बैठाने की व्यवस्था की गई है. ताकि बच्चों के बीच गैप बना रहे. साथ ही ऐसी व्यवस्था की जा रही हैं कि अगर दूरी कम है तो क्रॉस में बच्चे को बिठा के दूरी बनाई जाए.
टीचरों को समझाइश देने के लिए आयोजित किया सत्र
भोपाल की सरोजिनी नायडू स्कूल में बने सेंटर में टीचरों को इसी उद्देश्य समझाइश और जानकारी देने के लिए एक सत्र भी आयोजित किया गया है, जिसमें संकुल से शिक्षकों ने भाग लिया है. सभी को यहां परीक्षा केंद्र प्रभारी सुरेश खांडेकर ने बताया कि इस बार बच्चों को किसी भी स्थिति में तनाव देने की जरूरत नहीं है. बच्चे जो भी चीज मांगे उन्हें तत्काल ही दी जाए. चाहे वह पानी की बोतल हो या अतिरिक्त कॉपी. उन्हें डांटने की जगह विनम्रता से ही उनसे बात की जाए.
खांडेकर ने बताया कि इस बार कोविड को ध्यान में रखते हुए बच्चों के लिए एक अलग से कक्ष भी बनाया गया है. अगर कोई बच्चा ऑन द स्पॉट टेंपरेचर लेने में पॉजिटिव पाया जाता है, तो वह एग्जाम से वंचित न रहे. इसके लिए एक कक्ष बनाया गया है, जहां वह एग्जाम दे सकेगा. यह कक्ष भी सामान्य कक्ष की तरह है, लेकिन इसकी दूरी अन्य परीक्षा कक्षों से दूर रखी गई है.