इंदौर। दुनिया ने बेशक एक अदि्वतीय गायिका को खो दिया, भारत की झोली से स्वरों से सजा रत्न दूर हो गया, पर इंदौर ने अपनी उस बेटी को खोया जिसने देश ही नहीं बल्कि दुनियाभर में वह स्थान प्राप्त किया जो इससे पहले किसी भी गायिका ने नहीं किया। जिस शहर ने गायिका के साथ देश के रत्न और बेटी को खोया, उसके हृदयस्थल पर सोमवार की शाम भावनाओं का सैलाब उमड़ा। नम आंखें, रुंधे कंठ और हाथों में मोमबत्ती लिए सैकड़ों लोगों ने लय और ताल का अभूतपूर्व संगम की धनी लता मंगेशकर को श्रद्धांजलि दी।
कृष्णपुरा की छत्रियां, जिनके सीने में इतिहास के सुनहरे दौर का अंश आज भी अमर गाथा कहता है, वहां संगीत के एक ऐसे युग की विदाई पर संवेदनाएं व्यक्त की गई, जिसकी भरपाई अब शायद कभी नहीं हो पाएगी।कृष्णपुरा छत्री पर सोमवार की शाम श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई। इसमें लता मंगेशकर के नजदीकी रिश्तेदार मनोज बिनीवाले ने परिवार सहित भावांजलि दी। पुलिस कमिश्नर हरिनारायणाचारी मिश्र, विधायक आकाश विजयवर्गी, आध्यात्मिक गुरु अण्णा महाराज और दादू महाराज ने भी श्रद्धांजलि दी। जो शहर महान गायिका के बचपन, कर्तव्यों और यहां बीते सुखद पलों का साक्षी रहा, उसी शहर के लोगों ने भारी मन के साथ श्रद्धांजलि दी। स्वर साधिकाओं ने स्वरों के जरिए अपनी प्रेरणास्त्रोत को श्रद्धासुमन अर्पित किए। संगीत के साधक, रंगकर्मी, सामाजिक कार्यकर्ता, प्रशासनिक अधिकारी, जन प्रतिनिधि, उद्योगपति, व्यवसायी से लेकर आमजन यहां उपस्थित थे।