कान्ह नदी में प्रदूषण: शिप्रा की शुद्धता के लिए अफसरों के पास पहुंचेगा प्रदूषण का मैसेज

इंदौर मध्यप्रदेश

इंदौर:गंगा और नर्मदा नदी की तर्ज पर अब कान्ह नदी में प्रदूषण की रियल टाइम मॉनिटरिंग करने के लिए अब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एक नया सिस्टम लगाने जा रहा है। इसके चलते कुल 64 लाख रुपए खर्च कर निरंजनपुर और उज्जैन सीमा के पूर्व दो स्थानों पर रियल टाइम वाटर क्वालिटी माॅनिटरिंग सिस्टम लगाया जाएगा।

इसके बाद कान्ह नदी में जरा सा भी प्रदूषण बढ़ा तो सीधा अलर्ट अफसरों के पास पहुंच जाएगा। इससे गंदगी करने वाले सीधे पकड़ में आ सकेंगे और उनके खिलाफ तत्काल कार्रवाई हो सकेगी। मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा शिप्रा की शुद्धता के लिए इसमें मिलने वाले कान्ह के पानी की निगरानी की नई व्यवस्था की जा रही है।

पहला निरंजनपुर व दूसरा सिस्टम उज्जैन जिले में लगेगा

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड प्रयोगशाला प्रभारी एसएन पाटिल के मुताबिक पहला मॉनिटरिंग सिस्टम कबीटखेड़ी में स्थापित एसटीपी के डाउन स्ट्रीम पर निरंजनपुर के पास लगेगा। इसमें यह देखा जाएगा कि उपचार करने के बाद जो पानी कान्ह नदी में आ रहा है वह कैसा है। वहीं, दूसरा सिस्टम कान्ह नदी के शिप्रा में मिलने के पूर्व उज्जैन जिले में लगाया जाएगा।

इसमें यह देखा जाएगा कि ट्रीटेट पानी की वहां तक पहुंचने के बाद स्थिति कैसी है। यह पूरा सिस्टम अगले तीन महीने से ही काम करना शुरू कर देगा। गौरतलब है कि उज्जैन में लगे सिंहस्थ के दौरान भी इस मॉनिटरिंग सिस्टम को लगाया गया था। इसके जरिए त्रिवेणी और रामघाट के शिप्रा के पानी में प्रदूषण के स्तर को लगातार मॉनिटर किया गया था।

सेंसर बेस्ड होगा पूरा सिस्टम

ये स्टेशन सेंसर पर आधारित होंगे। जैसे ही नदी में प्रदूषित पानी मिलेगा, सेंसर पता लगा लेंगे और मैसेज प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के कंट्रोल रूम तक पहुंच जाएगा। इसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

एलईडी पर दिखेगा कितनी प्रदूषित कान्ह

कान्ह नदी के जल में तापमान, पीएच, बीओडी, डिजॉल्व ऑक्सीजन, सीओडी, टीएसएस, टीओसी की लगातार मॉनिटरिंग होगी। इसके साथ कान्ह का जल निगम द्वारा ए से लेकर ई तक की किस श्रेणी तक उपचारित किया जा रहा है उसकी ऑनलाइन माॅनिटरिंग इस सिस्टम से होेगी। यह परिणाम एलईडी के माध्यम से आम जनता को दिखाए जाएंगे।

इस मानक का होना चाहिए पानी

पीने योग्य पानी में डीओ 6 मिलीग्राम प्रति लीटर से ज्यादा, बीओडी 2 मिलीग्राम प्रति लीटर से कम व कॉलीफॉर्म एमपीए प्रति 100 मिली होना चाहिए।

ओंकारेश्वर में भी नर्मदा नदी की होगी मॉनिटरिंग

कान्ह के बाद ओंकारेश्वर में भी नर्मदा नदी के जल की निगरानी के लिए इस रियल टाइम मॉनिटरिंग सिस्टम को स्थापित किया जाएगा। नर्मदा नदी का प्रदूषण मापने के लिए पूरे प्रदेशभर के 9 जिलों के 10 घाटों पर रियल टाइम वॉटर क्वालिटी मॉनीटरिंग स्टेशन लगाए जाना तय हुआ है। इसमें डिंडोली, मंडला, नरसिंहपुर जिले का बरमान घाट, सीहोर जिले में शाहगंज, देवास जिले का नेमावर, खंडवा में ओंकारेश्वर, मंडलेश्वर, धार जिले का धरमपुरी, बड़वानी का राजघाट और आलीराजपुर का ककराना घाट शामिल हैं।

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