रेलवे अस्पताल में भी आयुष्मान योजना के तहत इलाज

देश स्वास्थ्य

नई दिल्ली। अब रेलवे चिकित्सालय में भी आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत मरीजों का इलाज होगा। रेलवे के सभी 695 अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों को आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) के साथ सफलतापूर्वक एकीकृत किया गया है। इस कदम से न केवल लगभग 80 लाख रेलवे कर्मचारियों और रेलवे पेंशन भोगियों और उनके परिवार के सदस्यों को यह सुविधा मिलेगी, बल्कि आम जनता को देश के विभिन्न रेलवे अस्पतालों में इन हेल्थ केयर सुविधाओं को निर्बाध डिजिटल ढ़ंग से प्राप्त करने में भी मदद मिलेगी।  यदि रेलवे के रोगी देश में कहीं भी विशेष उपचार के लिए रेलवे स्वास्थ्य प्रणाली से बाहर एबीडीएम के साथ एकीकृत किसी अन्य अस्पतालों में जा रहे हैं, तो इस एकीकृत प्रणाली की मदद से, डिजिटल रूप से मेडिकल रिकॉर्ड का आदान-प्रदान हो जाना, लाभार्थियों या रोगियों के लिए शीघ्रता एवं निर्बाध रूप से सभी कार्यों को आसान बनाते हुए द्रुत गति वाली, परेशानी रहित होगी।
आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के साथ रेलवे हेल्थ  सिस्टम के एकीकरण का महत्वपूर्ण कार्य रेल मंत्रालय के अधीन एक मिनीरत्न केंद्र सरकार के पीएसयू, रेलटेल कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा निष्पादित किया गया है। यह कार्य “आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन” को क्रियान्वयन ने के लिए उत्तरदायी शीर्ष निकाय राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) के सहयोग से पूरा किया गया है। आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन का उद्देश्य देश में एकीकृत डिजिटल हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर की सहायता के लिए आवश्यक आधार का विकास करना है।  यह डिजिटल राजमार्गों के माध्यम से हेल्थकेयर इकोसिस्टम के विभिन्न हितधारकों के बीच मौजूदा अंतर को समाप्त करने का कार्य करेगा।
इससे पूर्व, एक मेगा अभियान में, रेलटेल ने देश भर में भारतीय रेलों के सभी 695 अस्पतालों और स्वास्थ्य इकाइयों में “अस्पताल प्रबंधन सूचना प्रणाली (एचएमआईएस)” नामक एक वेब-आधारित, मल्टी-मॉड्यूल,विशेषताओं से परिपूर्ण, परिष्कृत, सॉफ्टवेयर सिस्टम क्रियान्वित किया था। इसने रेलवे स्वास्थ्य प्रणाली को अधिक पारदर्शी, प्रभावी, कुशल, उत्तरदायी एवं रोगी फ्रेन्डली बना दिया है।  रेलवे के इस एचएमआईएस सिस्टम को भी तब एबीडीएम सिस्टम के साथ पूरी तरह से कंप्लिएंट बनाया गया था। अगले कदम के रूप में, रेलटेल और एनएचए ने अब रोगियों और स्वास्थ्य प्रशासन के लाभ के लिए इन दोनों प्रणालियों को सफलतापूर्वक एकीकृत किया है। रेलवे एचएमआईएस प्रणाली के अंतर्गत, ओपीडी पंजीकरण, डॉक्टर के नुस्खे, लैब रिपोर्ट, स्व-पंजीकरण आदि से संबंधित रोगियों को आसान जानकारी सुनिश्चित करने के लिए एक मोबाइल ऐप, ” एचएमआईएस रोगी मोबाइल ऐप” भी बनाया गया है।  इसके साथ, रोगियों को अपनी आवश्कतानुसार अपने सभी स्वास्थ्य रिकॉर्ड तक एक्सेस प्राप्त करने का अधिकार दिया गया है।
आयुष्मान योजना में गोल्डन कार्ड धारक मरीज को सरकारी और सूचीबद्ध अस्पतालों में पांच लाख तक मुफ्त इलाज की सुविधा दी गई है। इसमें बड़ी बीमारियों की सर्जरी से लेकर दवाइयों के साथ छोटे मेडिकल टेस्ट भी निशुल्क हैं। योजना शुरू होने से पहले सरकार ने यह भी ऐलान किया था कि सरकारी अस्पतालों में दवाइयां व जांच की सुविधा उपलब्ध न होने पर निजी मेडिकल स्टोर और पैथोलॉजी लैब को योजना में सूचीबद्ध किया जाना है। आयुष्मान योजना में एक परिवार को साल में पांच लाख का ही मुफ्त इलाज मिलेगा। यदि किसी परिवार में चार सदस्य है। एक सदस्य बीमार होने पर पांच लाख से अधिक खर्च होता है तो दूसरे सदस्य के बीमार होने पर योजना का लाभ नहीं मिलेगा। लेकिन, एक सदस्य के इलाज पर दो लाख खर्च होते हैं तो दूसरे को तीन लाख का इलाज मिल सकता है। रेलटेल के सीएमडी पुनीत चावला ने कहा रेलटेल देश में हो रही डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन गतिविधियों और भारत सरकार की डिजिटल इंडिया पहल में एक प्रमुख भूमिका निभाने के लिए प्रतिबद्ध है। कंपनी ने हाल ही में देश भर के सभी 695 रेलवे अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में अस्पताल प्रबंधन सूचना प्रणाली के क्रियान्वयन के कार्य को पूरा किया है जो रेलवे की स्वास्थ्य प्रणाली के लिए एक गेम चेंजर साबित हुआ है। 

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