नई दिल्ली ।
कृषि कानून के विरोध में करीब सात माह से बंद जीटी रोड को खुलवाने के लिए रविवार को सेरसा गांव में महापंचायत हुई। महापंचायत में हरियाणा और दिल्ली के करीब तीन दर्जन से ज्यादा गांवों के लोग शामिल हुए। सभी ने एक सुर में जीटी रोड के एक तरफ का रास्ता और गांवों के लिंक रोड को खाली करने की मांग की। इसके लिए उन्होंने सरकार और प्रशासन और आंदोलनरत संयुक्त किसान मोर्चा को एक सप्ताह का अल्टीमेटम दिया है।
करीब सात महीने से कृषि कानून विरोधी आंदोलन के चलते हो रही परेशानियों, ग्रामीणों पर हमले, गांव के लिंक रोड को बैरिकेड लगाकर बंद करने और जीटी रोड बंद होने के कारण क्षेत्र में रोजी-रोटी के संकट को देखते हुए महापंचायत का आयोजन किया गया। राष्ट्रवादी परिवर्तन मंच के अध्यक्ष हेमंत नांदल की अध्यक्षता में हुई महापंचायत के मुख्य रूप से तीन मुद्दे थे-एक तरफ से जीटी रोड खोलना, आंदोलनकारियों द्वारा बैरिके¨डग नहीं करने एवं आंदोलन स्थल से गुजरने वाले लोगों के साथ हिंसा को रोकना।
हेमंत नांदल ने कहा कि महापंचायत में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि सरकार, प्रशासन और आंदोलनकारियों को भी एक तरफ का रास्ता खोलने के लिए एक सप्ताह का समय दिया जाए। यदि एक सप्ताह में प्रशासन और प्रदेश सरकार द्वारा एक तरफ का रास्ता खाली नहीं कराया गया तो वे उग्र आंदोलन से पीछे नहीं हटेंगे।
सदस्य रामफल सरोहा ने चेतावनी दी कि धरना-प्रदर्शन के साथ-साथ पंजाब की ओर जाने वाले सभी रास्तों को जाम किया जा सकता है। मंच संचालन कर रहे सेरसा के मोनू प्रधान ने कहा कि अगले सप्ताह कमेटी बनाकर जनप्रतिनिधियों एवं खाप प्रधानों से मिलकर इस मुद्दे पर समर्थन मांगा जाएगा।
हिंसा करने वालों को कमेटी दिलाएगी सजा
महापंचायत में यह भी निर्णय लिया गया कि ग्रामीणों के साथ हो रही हिंसक घटनाओं को लेकर एक कमेटी बनाई जाएगी। यह कमेटी ग्रामीणों के साथ किसी भी तरह की ¨हसा पर आरोपितों को कड़ी सजा दिलाने का काम करेगी और इसमें समझौता का कोई प्रविधान नहीं होगा।