प्रदेश की स्कूली शिक्षा में क्या बदला जाना चाहिए, बता रही हैं विशेष पुरस्कार से सम्मानित राजधानी की शिक्षिकाएं
भोपाल.पिछले साल राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित उषा खरे और इस साल राज्य स्तरीय पुरस्कार के लिए चुनी गईं मेधा वाजपेयी का मानना है कि स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति बढ़ना चाहिए। साथ ही स्कूली शिक्षा में इनोवेशन, विज्ञान का प्रयोग भी बढ़ने चाहिए। इसके लिए प्रेक्टिकल नॉलेज देने वाले शिक्षकों को प्रोत्साहन दिया जाए। शिक्षक दिवस पर हमने इन दो शिक्षिकाओं से प्रदेश की शिक्षा पर उनके विचार जाने।
सरकारी स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने के प्रयास हों
उषा खरे ने बतायाकि सरकारी स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने का प्रयास सबसे पहले हो। रोजगार मूलक शिक्षा बच्चों को दी जाए, जिससे बच्चे हर दिन स्कूल पहुंचें। बच्चों के अभिभावकों की मानसिकता में बदलाव लाकर उन्हें अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाना के लिए प्रोत्साहित करने चाहिए। इतना ही नहीं शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों से दूर किया जाए। स्कूल शिक्षा मंत्री और अधिकारियों की कोरिया यात्रा शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने में सहायक होगी।
नवाचार केवल करने के लिए न हो बल्कि उसे जीवन शैली में भी शामिल किया जाना चाहिए
मेधा वाजपेयी ने बताया कि विज्ञान ही है, जिसे हर दिन हर जगह हर तरह से महसूस किया जाता है। अब विज्ञान को मनोविज्ञान, आध्यात्म और तर्क से जोड़ना होगा। इसके बाद ही बच्चे उन्हें सौंपी गई पाठ्य सामग्री से जुड़कर और जूझकर नया ज्ञान अर्जित कर सकेंगे। इसके अलावा नवाचार केवल करने के लिए न हो बल्कि उसको जीवन शैली में भी शामिल किया जाना चाहिए। हर छात्र 360 डिग्री पर ज्ञान ग्रहण करने का प्रयास करता है, इसलिए बिना किसी पूर्वाग्रह के ज्ञान-विज्ञान को छात्रों तक पहुंचाना होगा।
अब तक 115 में से 49 को ही मिला आउट ऑफ टर्न प्रमोशन
स्कूल शिक्षा विभाग 2012 से उन शिक्षकों को आउट ऑफ टर्न प्रमोशन दे रहा है, जिन्हें राज्य व राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है। 2016 तक 115 में से ऐसे 49 शिक्षकों को प्रमोशन दिया जा चुका है। कोर्ट में चल रहे प्रमोशन में आरक्षण के प्रकरणों के चलते फिलहाल प्रमोशन बंद है। लोक शिक्षण संचालनालय के एडिशनल डायरेक्टर डीएस कुशवाह का कहना है कि कोर्ट की कार्रवाई से मामले निपटते ही प्रमोशन की प्रक्रिया पूरी कर दी जाएगी।
शिक्षकों का योगदान अतुलनीय : कमलनाथ
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शिक्षक दिवस के अवसर पर शिक्षकों को बधाई और शुभकामना दी हैं। उन्होंने कहा कि समाज की नींव मजबूत करने में शिक्षकों का योगदान अतुलनीय है। शिक्षकों की गरिमा के अनुरूप उनके हितों पर भी ध्यान दिया जा रहा है। सरकार शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों की भौगोलिक परिस्थितियों में जो शिक्षक अपना कर्त्तव्य निभा रहे हैं, उनका समर्पण अतुल्य है। मुख्यमंत्री ने सर्वपल्ली डॉ. राधाकृष्णन का स्मरण किया।