धार्मिेक स्थलों पर चढ़ने वाले फूलों से बनेंगे कॉस्मेटिक्स भिलाई के गौठानों में बनाएंगे स्व सहायता समूह

छत्तीसगढ़ दुर्ग

भिलाई:शहरों में बनाए गए गौठानों का अब निगम द्वारा मल्टीपरपज उपयोग किया जाएगा। यहां मवेशियों को तो रखा ही जाएगा, साथ ही अब यहां स्व. सहायता समूह द्वारा अलग-अलग तरह के उत्पाद भी तैयार किए जाएंगे। भिलाई नगर निगम के द्वारा यहां फूलों से साबुन, कॉस्मेटिक्स और फेस पैक तैयार कराया जाएगा। इसकी बिक्री ऑनलाइन माध्यम से पूरे देश में की जाएगी।

नगर निगम भिलाई के आयुक्त प्रकाश सर्वे ने इसे लेकर रविवार को शहरी गौठान का निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि आशा स्व सहायता समूह की सदस्य संतोषी बंजारे एवं विनिता वैष्णव इस कार्य में अपनी टीम के साथ काम करेंगी। इनके द्वारा अलग-अलग फूलों से कई तरह के साबुन और कॉस्मेटिक बनाए जाएंगे। बन जाने के बाद इसकी बिक्री ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों माध्यम से की जाएगी। जिले और प्रदेश के अलावा देशभर से कोई भी ऑनलाइन इस प्रोडक्ट को खरीद सकेगा।

इस कार्य के लिए मंदिरों एवं अन्य धार्मिक स्थल पर चढ़ने वाले फूल जो कि कचरे के ढेर के साथ चले जाते थे उनका उपयोग किया जाएगा। उन्हें लाकर शहरी गौठान में एकत्र किया जाएगा और उसके बाद उससे प्रोडक्ट तैयार किया जाएगा। यहां फूलों के जरिए फेस पैक एवं हेयर पैक जैसे कॉस्मैटिक्स आइटम भी तैयार किए जाएंगे। इन प्रोडक्ट की ऑनलाइन बिक्री के लिए इंडिया मार्ट, अमेजन एवं फ्लिपकार्ट में रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया की जा रही है।

निगम आयुक्त प्रकाश सर्वे ने शहरी गौठान का निरीक्षण करने के दौरान वहां रह रहे मवेशियों को देखा और अपने हाथों से उन्हें गुड़ भी खिलाया। उनहोंने बताया कि शहरी गौठान में स्व. सहायता समूह की महिलाओं को रोजगार से जोड़ने और आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिये अलग-अलग तरह की लाभवर्धक गतिविधियां की जा रही है। अगरबत्ती का कार्य प्रारंभ हो चुका है और बड़े तादात में अगरबत्ती बनाया जा रहा है। इसकी बिक्री के लिए महिलाओं ने व्यवस्था कर ली है ताकि लाभ प्रारंभ हो जाये।

गौठानों में होगा मशरूम का उत्पादन- गौठानों में मशरूम उत्पादन का कार्य भी प्रारंभिक तौर पर जारी है। इसका प्रशिक्षण मिलने के बाद इस पर प्रायोगिक प्रक्रिया जारी है। मशरूम उत्पादन कक्ष शीघ्र महिलाओ को मिल जाएगा। पशुओं को हरा चारा देने के लिये नेपियर ग्रास एक अलग भूभाग पर तैयार किया गया है, वर्मी कम्पोष्ट तैयार करने के लिये और रोटेशन बरकरार रखने के लिए लगभग 100 कम्पोष्ट टैंक तैयार किये जा चुके है। मछली पालन की तैयारी भी अंतिम चरण पर है। सब्जी उत्पादन के लिये महिलाओ ने बीज बोना प्रारंभ कर दिया है। पशुओ की नियमित स्वास्थ्य जांच पशु चिकित्सक कर रहे हैं।

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