दो देशों ने की ‘ओमीक्रॉन’ के मामलों की पुष्टि

अंतरराष्ट्रीय

ब्रसेल्स । दो देशों ने अपने यहां ‘ओमीक्रॉन’ के मामलों की पुष्टि की और तीसरे ने दक्षिण अफ्रीकी अधिकारियों के खतरे की घंटी बजाने से पहले ही इसकी उपस्थिति की बात कही। नए निष्कर्षों ने यह स्पष्ट कर दिया कि यह उभरता हुआ खतरा देशों में बचाव शुरू होने से पहले ही व्यापक रूप से फैल गया। नीदरलैंड के आरआईवीएम स्वास्थ्य संस्थान ने 19 और 23 नवंबर के नमूनों में ‘ओमिक्रॉन’  मिलने की जानकारी दी। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका ने सबसे पहले 24 नवंबर को संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी को इस स्वरूप के बारे में सूचना दी।
 इस बीच, जापान और फ्रांस ने आज अपने यहां वायरस के नए स्वरूप से जुड़े पहले मामलों की सूचना दी जिसने सामान्य स्थिति में लौटने की दुनिया की उम्मीदों को एक बार फिर धूमिल कर दिया है और डर पैदा कर दिया है कि सबसे खराब समय आना अभी बाकी है। यह स्पष्ट नहीं है कि नया स्वरूप पहली बार कहां या कब उभरा या यह कितना संक्रामक हो सकता है – लेकिन इसने देशों को यात्रा प्रतिबंध लगाने के लिए मजबूर कर दिया है, खासकर दक्षिण अफ्रीकी देशों से आने वाले लोगों पर।दक्षिण अफ्रीका ने इन कदमों की आलोचना की है और डब्ल्यूएचओ ने ऐसे कदमों के सीमित प्रभाव बताए हैं।इस बीच, जर्मन अधिकारियों ने कहा कि उन्हें एक ऐसे व्यक्ति में ‘ओमिक्रॉन’ संक्रमण मिला है जो न तो विदेश गया था और न ही किसी के संपर्क में था।कोरोना वायरस के नए स्वरूप को लेकर आई इस नयी जानकारी ने दुनियाभर में अब एक अलग तरह की चिंता उत्पन्न कर दी है।हालांकि अनेक विशेषज्ञों ने डर को यह कहकर कम करने की कोशिश की है कि कोविड रोधी टीके अब भी महामारी के खिलाफ सबसे बड़ा हथियार हैं।
नीदरलैंड, बेल्जियम और फ्रांस ने अब ऐसे लोगों को संक्रमण होने के मामले दर्ज किए हैं जो यूरोपीय संघ द्वारा उड़ान प्रतिबंध लगाने से पहले अपने देशों में थे।जापान ने घोषणा की कि वह मंगलवार से सभी विदेशी यात्रियों के आगमन पर प्रतिबंध लगा रहा है – लेकिन यह बहुत देर हो चुकी है क्योंकि इसने इसी दिन अपने पहले मामले की पुष्टि की जो हाल में अपने देश से पहुंचे नामीबियाई राजनयिक से जुड़ा है। इस बीच, कंबोडिया ने वायरस के नए स्वरूप के जोखिम के चलते 10 अफ्रीकी देशों से यात्रियों के अपने यहां आगमन पर रोक लगा दी।यह कदम तब उठाया गया है जब देश ने दो सप्ताह पहले 15 नवंबर को ऐसे लोगों के लिए अपनी सीमाएं खोल दी थीं, जो कोविड रोधी टीके की दोनों खुराक लगवा चुके हैं।
दक्षिण अफ्रीका के डॉक्टरों ने कहा है कि ‘ओमिक्रॉन’ से संक्रमित लोगों में अब तक हल्के लक्षण ही सामने आए हैं।हालांकि उन्होंने कहा है कि अभी ये शुरुआती आंकड़े हैं। डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि वैज्ञानिक वायरस के नए स्वरूप के बारे में ठीक जानकारी पता लगाने के काम में लगे हैं, लेकिन देशों को अपना टीकाकरण अभियान तेज करना चाहिए।नए स्वरूप को लेकर दुनियाभर में जहां चिंता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *