वित्त मंत्रालय की एक रिपोर्ट में कहा गया कि जरूरी वृहद और सूक्ष्म वृद्धि जैसे कारकों के सहारे भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। मंत्रालय द्वारा तैयार की गई मासिक आर्थिक समीक्षा के अनुसार, तेज टीकाकरण और त्योहारी सीजन भारतीय अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार को गति देंगे और इसके चलते मांग-आपूर्ति के बीच का अंतर कम होगा तथा रोजगार के ज्यादा अवसरों का सृजन होगा।
इसमें कहा गया है, “प्रमुख संरचनात्मक सुधारों को समाहित करते हुए आत्मनिर्भर भारत मिशन, व्यापार के अवसरों के संकेत और खर्च करने वाले चैनलों के विस्तार के माध्यम से, देश के आर्थिक पुनरुद्धार को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।”
समीक्षा में कहा गया, “जरूरी वृहद और सूक्ष्म वृद्धि चालकों के साथ यह दौर भारत के निवेश चक्र को रफ्तार देने और दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में उसके पुनरुद्धार को गति देने के लिए तैयार है।” इस साल जनवरी में जारी आर्थिक सर्वेक्षण 2020-21 में मार्च 2022 में समाप्त होने वाले चालू वित्त वर्ष के दौरान 11 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि का अनुमान लगाया गया था।
चीन का औद्योगिक आउटपुट इस साल के शुरुआती नौ महीने में 11.8 फीसदी रहा है। चीन के नेशनल ब्यूरो ऑफ स्टेटिस्टिक्स (NBS) के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। इस साल जनवरी से लेकर सितंबर तक की अवधि में चीन के जीडीपी ग्रोथ में शानदार तेजी आई है।
भारत की अर्थव्यवस्था साल 2003 से 2010 की तर्ज पर फिर से ग्रो कर सकती है। इसकी मुख्य वजह कॉरपोरेट डिलिवरेजिंग और प्रॉफिटेबिलिटी के साथ बैड एसेट की घटती संख्या और हाउसिंग की डिमांड बढ़ना है।
कई बार भारत के जीडीपी ग्रोथ ने चीन को पीछे छोड़कर एशिया में सबसे तेज गति से वृद्धि करने का रिकॉर्ड बनाया है। साल 2016 के बाद भारत की जीडीपी ग्रोथ में कमजोरी देखी जा रही है। भारत की जीडीपी ग्रोथ सुधारने के लिए हमें कामगारों और किसानों की मदद करने की जरूरत है।