नई दिल्ली । दुनिया भर में कच्चे तेल की मांग बढ़ ही रही है। इस बीच कच्चे तेल के सबसे बड़े उपभोक्ता, अमेरिका में भी इसकी मांग बढ़ी है। तभी तो छह सप्ताह के बाद इस सप्ताह वहां क्रूड ऑयल इंवेंट्री से कच्चे तेल का ड्रॉ हुआ है। अमेरिकन पेट्रोलियम इंस्टीच्यूट के मंगलवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक बीते सप्ताह 2.485 मिलियन कच्चे तेल का ड्रॉ हुआ है। इससे मंगलवार को ब्रेंट क्रूड की कीमत एक बार फिर से 85 डॉलर प्रति बैरल के करीब चली गई। जहां तक घरेलू बाजार की बात है तो यहां लगातार छठे दिन भी पेट्रोल और डीजल के दाम में कोई बदलाव नहीं हुआ। बुधवार को पेट्रोल की कीमत 103.87 रुपए और डीजल की कीमत 86.67 रुपए पर टिका रहा। बीते सितंबर महीने की 28 तारीख को पेट्रोल जहां 20 पैसे महंगा हुआ था वहीं डीजल भी 25 पैसे प्रति लीटर महंगा हुआ था। पेट्रोल की कीमतों में देखें तो बीते 26 दिनों में ही यह 8.15 रुपए प्रति लीटर महंगा हो चुका था। पिछले महीने पेट्रोल के मुकाबले डीजल का बाजार ज्यादा तेज हुआ था। कारोबारी लिहाज से देखें तो पेट्रोल के मुकाबले डीजल बनाना महंगा पड़ता है लेकिन भारत के खुले बाजार में पेट्रोल महंगा बिकता है और डीजल सस्ता बिकता है। बीते 24 सितंबर से यहां जो डीजल में आग लगनी शुरू हुई वह पिछले हफ्ते मंगलवार को रूकी थी। हालांकि, बीच में कुछ दिनों इसमें विराम भी रहा था। इस दौरान पेट्रोल के मुकाबले डीजल ज्यादा महंगा हुआ था। बीते 29 दिनों में ही यह 9.35 रुपए प्रति लीटर महंगा हो गया है।
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