पहाड़ी टोपी से क्षेत्रवाद की बात, पहाड़ी संस्कृति का अपमान: कांग्रेस

राजनीति

शिमला। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर पहाड़ी संस्कृति का अपमान कर रहे हैं। पहाड़ी टोपी के विभिन्न रंगों को क्षेत्रवाद से जोड़ कर पूर्व में रहे भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल को दोषी ठहरा रहे हैं। यह पलटवार हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता दीपक शर्मा ने मुख्यमंत्री पर किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पहाड़ की संस्कृति का न केवल अनादर कर रहे हैं बल्कि पहाड़ी टोपी के विभिन्न रंगों को क्षेत्रवाद से जोड़ कर भाजपा की साम्प्रदायिक सोच को ही दर्शा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का यह कहना कि पूर्व में सरकारें बदलने से पहाड़ी टोपियों के रंग बदल जाते थे, उनकी पार्टी के अपने ही पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ लगाया गया आरोप है।
उन्होंने कहा कि इसका मतलब पूर्व मुख्यमंत्री क्षेत्रवाद फैलाते थे। मुख्यमंत्री का यह तर्क हास्यस्पद है। दीपक शर्मा ने कहा कि पहाड़ी टोपी हमारी संस्कृति की पहचान है। प्रदेशवासी विभिन्न रंगों की टोपियां पहनते हैं। इन रंगों में कहीं कोई भेदभाव नहीं है। किसी विशेष विचारधारा के साथ इन टोपियों के रंगों को जोड़ना गलत है। यह मुख्यमंत्री की संकीर्ण सोच को दर्शाता है। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि चारों उपचुनावों में हार सामने देख मुख्यमंत्री बौखलाहट में हैं। मंडी लोकसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री क्षेत्र विशेष का मुख्यमंत्री होने और उस क्षेत्र के स्वाभिमान की बात कर क्षेत्रवाद फैलाने का काम कर रहे हैं। उन्होंने चुनाव आयोग से संज्ञान लेने और मुख्यमंत्री पर क्षेत्रवाद फैलाने की एबज में कार्यवाही करने की मांग की। कांग्रेस नेता ने कहा कि भाजपा अपनी साम्प्रदायिक विचारधारा के अनुरूप हर चुनाव में धर्म, जाति, क्षेत्रवाद, छद्म राष्ट्रवाद आदि मुद्दों को हवा देकर वोट प्राप्त करने की कोशिश करती आई है। वर्तमान उपचुनावों में भी भाजपा नेता इसी तरह की कोशिशें कर रहे हैं, लेकिन जनता की बड़ी समस्या महंगाई है। विकराल रूप ले चुकी महंगाई को लेकर जनता में आक्रोश है। भाजपा सरकार जनता के सवालों से भाग रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस चारों उपचुनावों में जीत दर्ज कर आगामी विधानसभा चुनावों में भाजपा सरकार को सत्ता से बाहर करने की नींव रखेगी।

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