भोपाल । पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आज प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की खंडवा लोकसभा क्षेत्र में चुनावी सभाओं में दिए संबोधन व लगाये आरोपो पर पलटवार करते हुए कहा कि शिवराज जी आज प्रदेश में महंगाई चरम पर है ,बढ़ती महंगाई ने हर आदमी की कमर तोड़ कर रख दी है ,बढ़ती महंगाई से आज हर व्यक्ति परेशान हैं।
बात करें तो पेट्रोल-डीजल-रसोई गैस के दाम आसमान को छू रहे हैं।देश में सबसे महंगा बिकने वाले पेट्रोल में मध्य प्रदेश के अनूपपुर का नाम शामिल हो चुका है।बात करें तो पिछले 24 दिन में 18 बार पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ चुके हैं ,इस वर्ष मात्र 10 माह में ही पेट्रोल 23 रुपये और डीजल 22 रुपये के करीब महंगा हो चुका है ,रसोई गैस के दाम एक हजार के करीब पहुंच चुके हैं ,खाने का तेल ,सब्जियां ,दालें सब महंगी हो चुकी है।आम आदमी की थाली से निवाला छीनता जा रहा है लेकिन आप इस पर कुछ क्यों नहीं बोल रहे हैं ?
वही बात करें तो आज किसान खाद के संकट से परेशान हैं ,प्रदेश के कई हिस्सों में खाद को लेकर किसान कई-कई दिन की लाइन में लगा है ,सड़कों पर प्रदर्शन कर रहा है ,पुलिस की लाठियां खा रहा है लेकिन आपकी सरकार इस सच्चाई को स्वीकार नहीं रही है ,वह कह रही है प्रदेश में खाद का कोई संकट नहीं है।आज किसान को उसकी उपज का सही दाम नहीं मिल पा रहा है ,वह न्याय को लेकर भटक रहा है ,बारिश से खराब हुई फसलों को उसे अभी तक मुआवजा नहीं मिला है।आपने वादा तो खेती को लाभ का धंधा बनाने का किया था लेकिन आज प्रदेश में खेती घाटे का धंधा बन चुकी हज।डीजल , बीज व खाद के बढ़ते दामों से किसानों की आय तो दोगुनी नहीं हुई ,उसकी लागत ज़रूर दोगुनी हो चुकी है।आज किसान खाद के साथ-साथ बीज को लेकर भी परेशान है ,उसे गुणवत्ता वाले बीज नहीं मिल पा रहे हैं।आज प्रदेश में खाद व बीज की कालाबाजारी चरम पर है ,कर्ज के दलदल में फंसकर किसान निरंतर आत्महत्या कर रहे हैं और आप मात्र 2 हज़ार रुपये की राशि उसके खाते में डाल कर उसे किसानो का सम्मान व किसानों का कल्याण बता रहे हैं ? आपको किसानों की परेशानी और व्यथा क्यों नजर नहीं आ रही है ? यदि आप किसानो का कल्याण करना चाहते है तो उनकी क़र्ज़ माफ़ी करो।
वही बात करें तो आज बढ़ती बेरोजगारी प्रमुख समस्या है।आज प्रदेश का युवा हाथों में डिग्री लेकर रोजगार को लेकर दर-दर भटक रहा है।कोरोना काल में हजारों लोगों की नौकरियां छीन चुकी है ,व्यापार-व्यवसाय तबाह हो चुके हैं ,आपकी कोरोना कॉल की सारी योजनाएं कागजी साबित हुई है।आज युवा रोजगार के अभाव में आत्महत्या को मजबूर है।बात करें तो प्रदेश में पंजीकृत बेरोजगारी का आंकड़ा 34 लाख के पार हो चुका है।आप पिछले 18 वर्ष से प्रति माह 1 लाख युवाओं को रोजगार देने का झूठा वादा करते आ रहे हैं लेकिन आपके सारे वादे सिर्फ़ झूठी घोषणा बनकर रह गए हैं।प्रदेश में बेरोजगारी का आंकड़ा निरंतर बढ़ता जा रहा है लेकिन आप इस पर कुछ नहीं बोल रहे हैं ?
हमेशा की तरह आपका ध्यान अभी भी झूठ बोलने ,झूठी घोषणाओं करने व झूठे मुद्दों के नाम पर प्रदेश की जनता को गुमराह करने में लगा हुआ है और बड़े शर्म की बात है कि अभी भी आप अपनी सरकार बचाने के लिए सौदेबाजी का सहारा ले रहे हैं।इसी से समझा जा सकता है कि इन चुनावों के परिणामों का आपको अंदेशा हो चुका है ,जनता का मूड आप ने भाँप लिया है ,जनता आपको सबक सिखाना चाहती है ,घर बैठाना चाहती है , जनता आपको नकार चुकी है लेकिन आप सौदेबाजी से अभी भी अपनी सरकार को बचाने में लगे हुए हैं।
आप विकास की जो रोज़ बड़ी- बड़ी डिंगे हांकते है , उसकी पोल इस सौदेबाज़ी से सामने आ गयी है।यदि आपने 17 वर्षों में विकास किया होता तो आपको इस सौदेबाज़ी की आवश्यकता ही नही पड़ती लेकिन विकास तो आपने कभी किया नही , 17 वर्ष में सिर्फ़ झूठी घोषणाएँ आपने की है इसलिये अब सौदेबाज़ी से अपनी कुर्सी बचाना चाहते है।
प्रदेश की जनता यह सब देख रही है कि किस प्रकार आप अपनी सत्ता की हवस के लिये प्रदेश पर निरंतर उपचुनावों का बोझ डालते जा रहे है, लोकतंत्र का , संवैधानिक मूल्यों का ,जनता के वोट का निरंतर अपमान कर रहे है , राजनीति को कलंकित कर रहे है।
एक तरफ़ तो विकास के लिये प्रदेश का ख़ज़ाना ख़ाली है , आप ख़ुद ख़ाली ख़ज़ाने का रोना रोते हो और दूसरी तरफ़ आप प्रदेश की जनता पर उपचुनाव का बोझ डालते जा रहे हो , जनता आपको सबक़ ज़रूर सिखायेगी , इन चारों उपचुनावो में भाजपा की करारी हार होगी।
40 बागी विधायकों में से 5 को मिली हार, सामना के जरिए उद्धव ठाकरे ने शिंदे को राजनीति छोड़ने के वादे की दिलाई याद
शिवसेना (यूबीटी) ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को उनके राजनीति छोड़ने के वादे की याद दिलाई, यदि 2022 में अविभाजित शिवसेना के विभाजन के दौरान उनके साथ रहने वाले…