कांग्रेस पार्टी ने एक बार फिर संगठन में चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। कांग्रेस महासचिव और मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने बताया कि जी-23 नेताओं की मांग के बाद कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक जल्द बुलाई जाएगी। दरअसल, जी-23 ग्रुप के नेता लगातार पार्टी में संगठनात्मक चुनाव की मांग कर रहे हैं और पार्टी को पूर्णकालिक अध्यक्ष की जरूरत बता रहे हैं। बता दें कि साल 2019 में लोकसभा चुनाव में बड़ी हार के बाद पार्टी के तत्कालीन अध्यक्ष राहुल गांधी ने जिम्मेदारी लेते हुए अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद से कांग्रेस पार्टी में अध्यक्ष पद खाली है। हालांकि, सीडब्ल्यूसी की बैठक में सोनिया गांधी को कार्यकारी अध्यक्ष चुना गया था।
पार्टी में फिर उठी राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाने की मांग
राहुल गांधी को पार्टी का अध्यक्ष बनाने की फिर से मांग उठने लगी है। इसको लेकर कई राज्यों की कांग्रेस कमेटी ने प्रस्ताव भी पारित कर दिया है। कांग्रेस के युवा प्रकोष्ठ ने भी राहुल गांधी को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव पास कर दिया है। दरअसल, अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद राहुल गांधी ने पार्टी की दोबारा जिम्मेदारी लेने से मना कर दिया, जबकि कांग्रेस कार्यकर्ता लगातार राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाने की मांग करते आए हैं।
क्यों नहीं हुआ अध्यक्ष का चुनाव
साल 2020 की शुरूआत में कोरोना महामारी के बाद कांग्रेस में संगठन के चुनाव की तारीख बढ़ती गई। साल 2021 की शुरूआत में एक बार फिर सीडब्ल्यूसी की बैठक बुलाई गई लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला, जिसके बाद चुनाव की तारीख को एक बार फिर आगे जून महीने तक बढ़ा दिया गया। इस दौरान कोरोना महामारी की दूसरी लहर आई। दूसरी लहर को देखते हुए पार्टी ने चुनावों को टालना ही बेहतर समझा और सोनिया गांधी के कार्यकाल को पूर्ण सहमति के साथ अध्यक्ष के चुने जाने तक बढ़ा दिया गया।
जी-23 नेता क्यों कर रहे हैं पूर्णकालिक अध्यक्ष की मांग
पार्टी के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल, गुलामनबी आजाद, लोकसभा सांसद मनीष तिवारी समेत जी-23 के नेता लगातार पूर्णकालिक अध्यक्ष की मांग उठाते आए हैं। दरअसल, पिछले 2 सालों में कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता पार्टी छोड़कर दूसरी पार्टी का दामन थाम चुके हैं तो कई राज्यों में बगावत के सुर भी उठने लगे। राहुल गांधी के करीबी माने जाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया और वह आज केंद्र में मंत्री हैं। इसके अलावा उत्तर प्रदेश से ब्राह्मण चेहरा और पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद भी पार्टी छोड़कर जा चुके हैं। हाल के दिनों में गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री, महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष ने भी पार्टी से नाता तोड़ लिया और अब पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस छोड़ दी है।