राष्ट्रीय महिला आयोग ने मांगा चरणजीत सिंह चन्नी का इस्तीफा

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चरणजीत सिंह चन्नी के पंजाब सीएम की शपथ लेते ही कांग्रेस ने राहत की सांस ली। माना जा रहा है कि पार्टी की कलह अब थम जाएगी। अब चरणजीत सिंह चन्नी का एक पुराना केस फिर सामने आ गया है। यह केस #Metoo अभियान से जुड़ा है, जिसका संज्ञान राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने लिया है। NCW ने मांग की है कि चरणजीत सिंह चन्नी इस्तीफा दें। एनसीडब्ल्यू प्रमुख रेखा शर्मा ने कहा कि वह निराश है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने खुद एक महिला होते हुए चरणजीत सिंह चन्नी को पंजाब का नया मुख्यमंत्री नियुक्त करने का फैसला किया। बकौर रेखा शर्मा, हम नहीं चाहते कि कोई दूसरी महिला भी उसी अनुभव से गुजरे और वही उत्पीड़न सहे जो आईएएस अधिकारी ने झेला था।

भारतीय प्रशासनिक सेवा की एक महिला अधिकारी ने चन्नी पर गंदे मैसेज भेजने का आरोप लगाया था। हालांकि मामले में कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं की गई और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के हस्तक्षेप के बाद इस मुद्दे को सुलझा लिया गया था। हालांकि, इस साल जून में पंजाब महिला आयोग की अध्यक्ष मनीषा गुलाटी द्वारा पंजाब सरकार से जवाब मांगे जाने के बाद मामले को फिर से खोल दिया गया। यह कदम राज्य कांग्रेस के हलकों में बड़ा मुद्दा बन गया और चन्नी का समर्थन करने वाले मंत्रियों ने इसे कैप्टन कैंप की साजिश बताया था।

…आम आदमी को कैसे मिलेगा न्याय

एनसीडब्ल्यू प्रमुख ने यह भी कहा कि अगर पंजाब में एक आईएएस अधिकारी को न्याय से वंचित किया गया है, तो सत्तारूढ़ सरकार यह कैसे सुनिश्चित कर सकती है कि पंजाब की आम महिलाएं सुरक्षित रहेंगी। इससे पहले भाजपा के पंजाब प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम ने कांग्रेस पार्टी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि चन्नी को चुनने का एकमात्र कारण यह है कि पार्टी दलित वोट जीतना चाहती है। चन्नी पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्त होने वाले पहले दलित नेता बन गए हैं। पंजाब में 2022 में चुनाव होंगे।

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