केन्द्र सरकार, राज्य सरकार और मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कारपोरेशन के बीच करारनामे पर हस्ताक्षर,इंदौर मेट्रो के प्रथम चरण की शुरूआत वर्ष 2022 – 2023 तक

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मध्यप्रदेश के भोपाल और इंदौर शहर में सन् 2022 के अन्त और 2023 की शुरूआत में मैट्रो रेल का प्रथम चरण जनता के लिए शुरू हो जायेगा। यह बात आज यहां मध्यप्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री जयवर्द्धन सिंह ने आज यहां केन्द्र सरकार, मध्यप्रदेश सरकार और मध्यप्रदेश मैट्रो रेल कारपोरेशन के बीच हुए करारनामे के उपरांत कही।

केन्द्रीय शहरी विकास मंत्रालय में भोपाल इंदौर मैट्रो रेल के लिए आज करारनामे पर हस्ताक्षर किये गये, जिसमें केन्द्र सरकार की ओर से सचिव, केन्द्रीय शहरी एवं आवास मंत्रालय श्री दुर्गा शंकर मिश्रा, मध्यप्रदेश सरकार की ओर से मुख्य सचिव श्री एस.आर.मोहंती और मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कारपोरेशन के प्रबंध संचालक श्री संजय दुबे ने हस्ताक्षर किये। इस अवसर पर केन्द्रीय शहरी एवं आवास मामलों के मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी और मध्यप्रदेश के नगरीय विकास और आवास मंत्री की उपस्थित थे। इस अवसर पर मध्यप्रदेश मैट्रो रेल कारपोरेशन के अतिरिक्त प्रबंध संचालक श्री स्वतंत्र सिंह और तकनीकी निदेशक श्री जितेन्द्र कुमार दुबे उपस्थित थे। ज्ञात हो कि यह प्रोजेक्ट केन्द्रीय मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित किया जा चुका है।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री सिंह ने बताया कि भोपाल मैट्रो रेल प्रोजेक्ट 27.87 किलोमीटर में कोरिडोर बनायेगा। एक कोरिडोर  करोंद सर्कल से एम्स तक 14.99 किलोमीटर और दूसरा भदभदा चैराहे से रत्नागिरी तिराहा तक 12.88 किलोमीटर का होगा। इसकी कुल लागत लगभग 07 हजार करोड़ रुपये की होगी। इसी प्रकार इंदौर मैट्रो रेल प्रोजेक्ट में 31.55 किलोमीटर की रेल लाइन बनेगी। यह बंगाली चैराहा से विजय नगर, भंवर शाला, एयरपोर्ट होते हुए पलसिया तक जायेगी। इसकी कुल लागत साढ़े सात हजार करोड़ रुपये की होगी।

श्री सिंह ने कहा कि इन दोनों परियोजनाओं में केन्द्र का अंश 20 प्रतिशत, राज्य का 20 प्रतिशत और शेष 60 प्रतिशत अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं द्वारा ऋण लिया जायेगा जिसकी गारंटी मध्यप्रदेश सरकार देगी।

*प्रमुख बातें-*

भोपाल इंदौर मैट्रो रेल प्रोजेक्ट का क्रियान्वयन मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कारपोरेशन द्वारा किया जायेगा। यहकम्पनी अब भारत सरकार और मध्यप्रदेश सरकार की 50ः50 ज्वाइंट वेंचर कंपनी में परिवर्तितहोगी। कम्पनी प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए स्पेशल पर्पज व्हीकल (ैच्ट) के रूप कार्य करेगी। कम्पनी  का एक बोर्ड आफ डायरेक्टर्स होगा। इसमें 10 डायरेक्टर होगें। भारत सरकार बोर्ड के चेयरमैन सहित 5 डायरेक्टर नामित करेगी। प्रदेश सरकार मैनेजिंग डायरेक्टर सहित 5 डायरेक्टर नामित करेगी।

प्रोजेक्ट में प्रदेश सरकार भूमि अधिग्रहण, पुर्नस्थापन और पुनर्वास में आने वाला पूरा खर्च वहन करेगी। भोपाल मेट्रो के लिए यूरोपियन इन्वेस्टमेंट बैंक और इंदौर मैट्रो के लिए एशियन डेवलपमेंट बैंक तथा न्यू डेवलपमेंट बैंक से लोन भी लिया जायेगा। भारत सरकार इक्विटी शेयर कैपिटल खरीदेंगी, जिससे प्रोजेक्ट के लिए बहु पक्षीय और द्विपक्षीय लोन की सुविधा मिल सके।

श्री सिंह ने बताया कि यह एक ऐतिहासिक दिन है। इन दोनों मैट्रो रेल प्रोजेक्ट पर पिछले 9-10 वर्षों से केवल चर्चा हो रही थी। पर किसी मुकाम पर नहीं पहुंच रहे थे। यह मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ जी का दृष्टिकोण और उनकी सोच का नतीजा है कि इन दोनों परियोजनाओं पर आज करार हुआ।प्रोजेक्ट में आने वाली कठिनाइयों के जल्द निराकरण के लिए प्रदेश सरकार द्वारा मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हाई पावर कमेटी बनायी जायेगी। कमेटी में संबंधित विभागों के प्रमुख सचिव भी शामिल होंगे।

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