MP की शिवराज सरकार का किसानों के लिए एक और बड़ा कदम, फसल बीमा एक हजार रुपये से कम का नहीं मिलेगा

Uncategorized प्रदेश भोपाल मध्यप्रदेश

भोपाल।

शिवराज सरकार किसानों के लिए एक और बड़ा कदम उठाने जा रही है। इसके तहत किसानों को पचास, सौ या दो सौ रुपये का बीमा नहीं मिलेगा। फसल बीमा का दावा (क्लेम) एक हजार रुपये से कम बनने पर यह राशि किसानों को न देकर एक अलग खाते में जमा की जाएगी। इसे संचित निधि के रूप में रखा जाएगा और किसानों के कल्याण पर खर्च किया जाएगा। इस प्रविधान को लागू करने पर कृषि विभाग में सैद्धांतिक सहमति बन चुकी है। इस बार खरीफ फसलों के लिए 47 लाख किसानों ने फसल बीमा कराया है।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में अभी तक फसल को नुकसान होने पर किसानों का जो भी दावा बनता था, उस राशि का चेक उन्हें दे दिया जाता था। कई बार यह राशि पचास रुपये से लेकर दो सौ रुपये तक होती थी। इसको लेकर विपक्षी दल किसानों का मजाक बनाने का आरोप सरकार पर लगाते थे और किसान भी निराश होता था। दरअसल, फसल को नुकसान पहुंचने पर उसका सर्वे कराकर बीमा की गणना की जाती है। इसमें फसल क्षति के आधार पर जब बीमा बनता है तो कई किसानों को पात्रता अनुसार बहुत कम राशि मिलती थी। इससे किसानों के ऊपर से बैंक ऋण का बोझ भी कम नहीं होता है।

इसे देखते हुए विचार किया गया कि किसान को बीमा की राशि तभी दी जाए, जब न्यूनतम दावा एक हजार रुपये से अधिक बने। कृषि मंत्री कमल पटेल भी कई बार कह चुके हैं कि हम न्यूनतम राशि तय करेंगे। यदि उससे कम भुगतान की स्थिति बनती है तो फिर वह राशि उसे न देकर अलग खाते में रखेंगे और उसे उनके ही कल्याण पर खर्च करेंगे। अपर मुख्य सचिव कृषि अजीत केसरी ने बताया कि प्रस्ताव तैयार हो चुका है।

अभी ढाई सौ रुपये से कम बीमा बनने पर भुगतान नहीं करके उस राशि का उपयोग किसान हित की योजनाओं में करने की व्यवस्था है। इसके बढ़ाकर एक हजार रुपये किया जा रहा है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि ऐसे किसानों की संख्या बहुत कम होती है जिनका बीमा एक हजार रुपये से कम बने। यह प्रविधान अगले फसल सीजन से लागू किया जा सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *