नई दिल्ली ।
केंद्र सरकार ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि महिलाओं को नेशनल डिफेंस एकेडमी के कोर्स में हिस्सा लेने की अनुमति दी जाएगी और यह एक ऐतिहासिक फैसला है। सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई के दौरान यह जानकारी दी है। इस याचिका में महिला उम्मीदवारों को एनडीए और नौसेना एकेडमी परीक्षा में बैठने और एनडीए प्रशिक्षण की अनुमति देने का निर्देश देने की मांग की गई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि आर्म्ड फोर्सेज जैसी सम्मानित सर्विस में महिलाओं को बराबर का अधिकार सुनिश्चित करने की दिशा में यह अहम कदम उठाया गया है। बता दें कि अभी तक एनडीए में सिर्फ लड़कों को ही दाखिला मिलता रहा है। सरकार दो हफ्ते में प्लान पेश करेगी और अगली सुनवाई 22 सितंबर को होगी।
केंद्र की तरफ से अतिरिक्त सालिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस एम एम सुंदरेश की बेंच को बताया कि सरकार के साथ ही सशस्त्र बलों के उच्च स्तर पर फैसला लिया गया है कि एनडीए स्थायी कमिशन के लिए महिलाओं की भी भर्ती की जाएगी।
भाटी ने हलफनामे के जरिए जानकारी देने के लिए कोर्ट की अनुमति मांगी। कोर्ट ने कहा कि वह कई बार प्राधिकारियों को खुद इसे करने के लिए प्रेरित करता रहा है और कोर्ट का मानना है कि वे इसे करने के लिए सबसे ज्यादा उपयुक्त हैं।
पीठ ने कहा, हम खुश हैं कि सशस्त्र बलों के प्रमुख ने एक सकारात्मक फैसला लिया है। रिकार्ड में रखिए हम मामले पर सुनवाई करेंगे। हम इस कदम से खुश हैं। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट वकील कुश कालरा की याचिका पर सुनवाई कर रहा था। इसमें प्रतिष्ठित एनडीए में लैंगिक आधार पर योग्य महिलाओं को भर्ती नहीं करने का मुद्दा उठाते हुए इसे समानता के मौलिक अधिकार का कथित तौर पर उल्लंघन बताया गया था।