वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा कर अधिकारियों से अपनी मानसिकता बदलने की अपील करने के बाद आयकर विभाग ने करदाताओं के साथ ज्यादा नरम रुख अपनाने का फैसला किया है। यह जानकारी रविवार को सूत्रों ने दी। कर आतंकवाद के आरोपों के मद्देनजर सीतारमण ने शनिवार को आयकर विभाग से कर अधिकारियों और करदाताओं के बीच संवादहीनता दूर करने और अपनी मानसिकता बदलने को कहा।
उन्होंने अहमदाबाद में आयकर विभाग के अधिकारियों से कहा, ‘कर प्रशासकों की काफी नाजुक भूमिका होती है। जानकार नागरिक समूह की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए मानसिकता बदलने की जरूरत है।’
उन्होंने कहा, ‘जहां तक करदाताओं और उनकी समस्याओं का सवाल है तो हमें उनसे अवश्य संवाद करना चाहिए और सम्मानपूर्वक व्यवहार के साथ समस्याओं का समाधान करना चाहिए।’
सूत्रों के अनुसार, आयकर विभाग अपना नजरिया बदलकर मित्रवत भाषा को अंगीकार करने वाला है, मगर इस प्रक्रम में किसी प्रकार की त्रुटि को नजरंदाज नहीं किया जाएगा।
सूत्रों ने बताया कि विभाग करदाताओं के साथ संवाद में मित्रवत भाषा का इस्तेमाल करेगा।
एक कर अधिकारी ने बताया, ‘वित्तमंत्री ने हमें धन सर्जकों का सम्मान करने और अनावश्यक प्रक्रिया संबंधी विलंब में कमी करके उन्हें सुविधा प्रदान करने को कहा है। उन्होंने अधिक मानवीय दृष्टिकोण अपनाने पर बल दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने भी स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन में कहा कि धन सर्जकों का अवश्य सम्मान होना चाहिए।’