इंदौर ।
जहां चाह होती है, वहां राह निकल ही आती है। मध्य प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना इंदौर मेट्रो रेल प्रोजेक्ट को लेकर भी यही कहा जा सकता है। दो साल की तमाम बाधाओं के बाद एमआर-10 ब्रिज के पास इस प्रोजेक्ट की उम्मीद का पहला खंभा खड़ा कर लिया गया। शनिवार का दिन इस प्रोजेक्ट के लिए मील का पत्थर साबित हुआ, जब एलिवेटेड कारिडोर के पहले खंभे (पियर) पी-3 के लोहे के ढांचे में सीमेंट-कांक्रीट भरकर इसे भरा-पूरा आकार दिया गया। इसके साथ ही प्रोजेक्ट पर लंबे समय से छाई निराशा की धुंध छंट चुकी है।
230 करोड़ में बिल्डकान कंपनी को दिया गया है मेट्रो के एलिवेटेड कारिडोर का ठेका
आसार बन रहे हैं कि इंदौर में उम्मीदों की मेट्रो रेल तय समय पर पटरी पर दौड़ने लगेगी और इसके साथ ही दौड़ लगाएगी प्रदेश की व्यावसायिक राजधानी की प्रगति की रेल। दरअसल, मध्य प्रदेश मेट्रो रेल कार्पोरेशन लिमिटेड (एमएमआरसीएल) ने एमआर-10 ब्रिज से लेकर रिंग रोड स्थित मुमताज बाग कालोनी तक के 5.29 किलोमीटर के मेट्रो के एलिवेटेड कारिडोर का ठेका दो साल पहले दिया था। देश और प्रदेश की जानी-मानी कंस्ट्रक्शन कंपनी दिलीप बिल्डकान को यह ठेका करीब 230 करोड़ में दिया गया है। यह एलिवेटेड कारिडोर एमआर-10 ब्रिज से शुरू होकर चंद्रगुप्त चौराहा, सुखलिया, मेघदूत गार्डन, विजय नगर चौराहा, रेडिसन चौराहा पर रिंग रोड होते हुए मुमताज बाग कालोनी तक रहेगा। कंपनी के ठेके की दो साल की समयावधि भी समाप्त हो चुकी थी, लेकिन प्रोजेक्ट शुरू करने के लिए शासन ने नए सिरे से टेंडर न करते हुए इसी कंपनी के काम की समयावधि अगस्त 2023 तक और बढ़ा दी है।