टोक्यो पैरालंपिक में भारत को पहला मेडल मिला है। महिला टेबल टेनिस खिलाड़ी भाविना पटेल ने देश को सिल्वर मेडल दिलाया है। महिला एकल वर्ग के फाइनल में उनका मुकाबला चीन की झोउ यिंग से हुई, जहां उन्हें हार का सामना करना पड़ा। झोउ यिंग ने पहला गेम 11-7 से जीतकर मैच में 1-0 की बढ़त बना ली थी। दुनिया की नंं 1 झोउ यिंग ने अपने बैकहैंड शॉट्स से भारतीय पैडलर को परेशान किया और बढ़त लेने में सफल रही। यिंग ने अगले दौर में भी अपना दबदबा कायम रखा और एक और गेम 11-5 से जीत लिया। तीसरे गेम में पहले दो गेम की तुलना में करीबी मुकाबला हुआ, लेकिन चीनी पैडलर ने खुद को शांत रखा और मैच जीतने में सफल रही।
इससे पहले भारतीय पैडलर भाविना पटेल ने विश्व नंबर 3 खिलाड़ी को हराकर फाइनल में पहुंची थी। उन्होंने चीन की मियाओ झांग 7-11, 11-7, 11-4, 9-11, 11-8 शनिवार को हराया था। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाविना की तारीफ की थी और उनका हौंसला बढ़ाया था।
12 साल की उम्र में हो गया था पोलियो
भाविना पटेल अभी 34 साल की हैं। 12 साल की उम्र में उनके माता-पिता को पता चला था कि बेटी को पोलियो हुआ है। हालांकि Bhavina Patel ने कभी खुद को अपाहिज नहीं समझा। टोक्या पैरालिम्पिक्स के क्वार्टर फाइनल मैच में उन्होंने सर्बियाई प्रतिद्वंद्वी को 18 मिनट तक चले मैच में 11-5, 11-6, 11-7 से हराया था। इस जीत के बाद भाविना पटेल ने कहा था, मैं खुद को विकलांग नहीं मानती हूं, मुझे हमेशा विश्वास रहा कि मैं कुछ भी कर सकती हूं और मैंने यह भी साबित कर दिया कि हम पीछे नहीं हैं और पैरा टेबल टेनिस अन्य खेलों की तरह आगे हैं।