अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा होने के बाद हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। बंदूक के दम पर इस आतंकी संगठन ने भले ही मुल्क पर कब्जा कर लिया हो, लेकिन लोगों के दिलों पर राज करना उसके बस की बात नहीं। सच्चाई यह है कि अफगानिस्तान की आम अवाम तालिबान से नफरत करती है। यही नफरत उस समय देखने को मिली जब देश के स्वतंत्रता दिवस के मौक भारी संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए।इनके हाथों में अफगानिस्तान का झंडा था। पूरे अफगानिस्तान में ऐसे प्रदर्शन हुए। लोगों ने रैलियां निकालीं, जिनमें युवाओं के साथ महिलाओं ने भी हिस्सा लिया। कई स्थानों पर तालिबान का झंडा हटाकर अफगानिस्तान का झंडा फहराया गया। वहीं कुछ स्थानों पर तालिबानी लड़ाकों ने इसका विरोध किया। गोलीबारी में कई लोगों के मारे जाने की सूचना है।
अफगान मीडिया के मुताबिक, पूर्वी प्रांतों नंगरहार, कुनार और खोस्त के लोगों ने बुधवार को सार्वजनिक रूप से अफगान राष्ट्रीय ध्वज लेकर रैली निकाली। इसी तरह के प्रदर्शन के दौरान नंगरहार प्रांत में तालिबान द्वारा कम से कम दो लोगों की कथित तौर पर गोली मारकर हत्या कर दी गई और 12 अन्य घायल हो गए। इसी तरह असदाबाद में भी कई लोगों के मारे जाने की सूचना है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि ये लोग तालिबान की गोलीबारी में मारे गए या भगदड़ के कारण। पूर्वी अफगानिस्तान में जलालाबाद और पख्तिया प्रांत के एक अन्य जिले में भी विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं।