श्रीनगर : आज की दुनिया में जहां ज्यादातर युवा अपना खाली समय मोबाइल फोन पर बिताते हैं, वहीं 20 वर्षीय गुफरान हुसैन ने लॉकडाउन के दौरान न केवल अपने समय का बुद्धिमानी से इस्तेमाल किया, बल्कि अपने माता-पिता की मदद करने के लिए अपनी छिपी प्रतिभा का भी इस्तेमाल किया। 20 साल की गुफरान हुसैन ने इतनी कम उम्र में ‘साइंस फिक्शन’ पर एक किताब लिख डाली है. इस किताब का नाम ‘आईसोटोप’ है. अपने उपन्यास में, वह एवा विलियम नाम की एक 22 वर्षीय लड़की को नायिका के रूप में चित्रित करती हैं, जो इलेक्ट्रिकल इंजीनियर है. लैब में हुई एक घटना के बाद वह ऑल्टरनेट डाइमेंशन में पहुंच जाती है. यह कहानी एवा के वापस धरती पर आने की जद्दोजहद बताती है.दिलचस्प बात यह है कि गुफरान हुसैन ईरान यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही हैं. उन्होंने हिंदी और अंग्रेजी में कई कविताएं भी लिखी हैं जो अन्य पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं।अपनी मां से प्रेरित होकर उन्होंने लिखना शुरू किया. गुफरान चौथी कक्षा से अपने विचारों, परिस्थितियों और परिवेश को अपनी कविताओं के जरिए बता रही हैं। गुफरान अपने स्कूल की वार्षिक पत्रिका की संपादक भी रह चुकी हैं. उनके माता-पिता ने उन्हें हर कदम पर समर्थन दिया है. इस मौके पर खुशी जाहिर करते हुए गुफरान की मां ने कहा, माता-पिता को चाहिए कि वे अपने बच्चों के सपनों को पूरा करने का रास्ता साफ करें ताकि वे बेहतर भविष्य की ओर बढ़ सकें. हालांकि गुफरान को हर तरह की किताबें पढ़ने में मजा आता है, लेकिन वह विशेष रूप से साइंस से संबंधित किताबें पढ़ने में दिलचस्पी रखती हैं. वह निकट भविष्य में ‘आइसोटोप’ के दो और संस्करण लिखने वाली हैं।
गुफरान का मनना है कि कोई भी अच्छा विषय लिखने से पहले उसके हर पहलू पर गौर करना चाहिए, फिर जाकर उस पर बेहतर और सार्थक तरीके से लिखना चाहिए।
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