कश्मीर के मुद्दे को पाकिस्तान की शह पर चीन ने यूएनएससी में उठाया है. चीन के कहने पर एक बंद कमरे में इस मुद्दे पर शुक्रवार को बैठक हुई. शाम साढ़े सात बजे से शुरू हुई ये बैठक करीब 9 बजे के बाद तक चली. इसी मीटिंग में इस मुद्दे पर कुल 73 मिनट चर्चा हुई. इससे पहले भारत को रूस का साथ मिला।
यूएन में रूस के स्थायी प्रतिनिधि देमित्री पोलिंस्की ने कहा, कश्मीर का मुद्दा हल करने में यूएनएससी की कोई भूमिका नहीं हो सकती. उन्होंने कहा, ये मुद्दा अगर सुलझेगा तो भारत और पाकिस्तान की आपसी बातचीत के साथ ही सुलझेगा. रूस का इस मसले पर हमेशा से ही यही रुख रहा है. रूस ने कहा, हमारा इस मुद्दे पर कोई छिपा हुआ एजेंडा नहीं है. दोनों देशों से हमारे अच्छे संबंध हैं. ऐसे में हम चाहते हैं कि ये मुद्दा यही दोनों देश बातचीत से सुलझाएं।
वहीं इस मुद्दे पर चीन अपनी चालबाजी से बाज नहीं आ रहा है. उसने यूएनएससी की अनौपचारिक बैठक में कहा, कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाना भारत की एकतरफा कार्यवाही है. हालांकि भारत पहले ही चीन को दो टूक कह चुका है कि कश्मीर का मुद्दा भारत का अंदरूनी मसला है. उसने जम्मू कश्मीर और लद्दाख में जो परिवर्तन किए हैं, उससे किसी भी सीमा पर कोई छेड़खानी नहीं की गई है।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के प्रतिनिधि सैय्यद अकबरुद्दीन ने कहा, अनुच्छेद 370 को हटाया जाना हमारा आंतरिक मुद्दा है. इसे वहां के लोगों की भलाई के लिए हटाया गया है।