वाराणसी: आज सावन का आखिरी सोमवार है. सावन के अंतिम सोमवार के मौके पर आज बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में भक्तों का हुजूम उमड़ा हुआ है. काशी विश्वनाथ मंदिर के बाहर बाबा के दर्शन के लिए भक्तों की भारी भीड़ दिखाई दे रही है. लंबी कतारों के साथ मुख्य द्वार, ज्ञानवापी खता द्वार पर भक्तों की जबरदस्त भीड़ देखी जा रही है. आस्था ऐसी कि कोविड-19 नियमों को दरकिनार कर हजारों की संख्या में भक्त यहां दर्शन पूजन के लिए आए हैं. वहीं सुरक्षा की दृष्टि से भी भक्तों के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं.
इस साल सावन महीने में केवल चार सोमवार ही पड़े हैं. पांचवां सोमवार रक्षाबंधन के बाद 23 अगस्त को पड़ रहा है. इसलिए ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, सावन के कुल चार सोमवार ही मान्य हैं. यही वजह है कि शिव के प्रिय मास सावन में आज बाबा की कृपा प्राप्त करने उनके दर्शन के लिए भक्त आतुर हैं और काशी विश्वनाथ के धाम में भक्तों का जबरदस्त रेला देखने को मिल रहा है. आज सुबह मंगला आरती के बाद मंदिर के कपाट भक्तों के लिए खोले गए हैं और लगातार अनवरत रूप से भक्त दर्शन पूजन कर रहे हैं. भारी संख्या में गेरुआ वस्त्र धारण कर कांवरिया भी बाबा के दर्शन के लिए पहुंचे हैं. हांलाकि हाथों में उनके कांवड़ तो नहीं दिखाई दे रहा, लेकिन गंगाजल का पात्र जरूर मौजूद है.बता दें, पूरे सावन भर बाबा विश्वनाथ के मंदिर में भक्तों की भीड़ देखने को मिली. देश के कोने-कोने से हजारों की संख्या में भक्त बाबा विश्वनाथ के दर्शन पूजन के लिए पहुंचे, लेकिन आज का नजारा देखते ही बनता है. आज शिव का दिन है और सावन का आखिरी सोमवार ऐसे में दूर-दूर से आए भक्त बाबा के दर्शन करके खुद को धन्य मान रहे हैं. फिलहाल सावन के चार सोमवार पर रोक-टोक के बाद भी बाबा विश्वनाथ के दर्शन पूजन के लिए भक्त जबरदस्त तरीके से बाबा विश्वनाथ के मंदिर में पहुंचे हैं. इसकी बड़ी वजह यह है कि पिछले साल कोविड-19 की पहली लहर और फिर उसके बाद शिवरात्रि के मौके पर रोक के कारण भक्त दर्शन नहीं कर सके थे, लेकिन इस बार नियमों में छूट की वजह से भक्त इसका लाभ उठा रहे हैं और लगातार दर्शन पूजन के लिए बनारस पहुंच रहे हैं. इसकी वजह से गंगा घाट से लेकर विश्वनाथ मंदिर तक भक्तों की जबरदस्त भीड़ देखने को मिल रही है. हालांकि सुरक्षा की दृष्टि से भी खास व्यवस्था यहां प्रशासन की तरफ से की गई है.