नई दिल्ली |
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे पी नड्डा ने सोमवार को कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह असम-मिजोरम सीमा विवाद का राजनीतिकरण कर लोगों को भड़का रही है और पूर्वोत्तर के सामाजिक तानेबाने को बिगाड़ने का प्रयास कर रही है। नड्डा का यह बयान पूर्वोत्तर के भाजपा सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मुद्दे पर हुई मुलाकात के बाद आया।
नड्डा ने एक ट्वीट में कहा कि आज पूर्वोत्तर राज्यों के भाजपा सांसदों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर असम-मिजोरम में हो रहे घटनाक्रम के विषय में ज्ञापन दिया। उन्होंने आगे कहा, ‘‘सीमा विवाद का राजनीतिकरण करके कांग्रेस लोगों को भड़का रही है और सामाजिक तानेबाने को बिगाड़ने की कोशिश कर रही है।’’ भाजपा अध्यक्ष ने यह आरोप भी लगाया कि राजनीतिक फ़ायदे के लिए देश का माहौल खराब करने का कांग्रेस का इतिहास है।
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शासन में इनके मंसूबे कामयाब नहीं हो पाएंगे। पूर्वोत्तर ने मोदी जी की सरकार में विकास की नई इबारत लिखी है। पूर्वोत्तर का हर राज्य हमारा अभिन्न अंग है। हम सबके विकास और सम्मान के लिए समर्पित हैं।’’ ज्ञात हो कि दोनों राज्यों की सीमा पर 26 जुलाई को संघर्ष हो गया था जिसमें असम पुलिस के छह जवान एवं एक नागरिक की मौत हो गई थी और 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे।
इससे पहले, केंद्रीय मंत्रियों किरेन रिजिजू और सर्बानंद सोनोवाल के साथ असम, मणिपुर, त्रिपुरा और अरुणाचल प्रदेश के सांसदों ने संसद भवन स्थित कार्यालय में प्रधानमंत्री से मुलाकात की और उन्हें चार पन्नों का एक ज्ञापन भी सौंपा।मुलाकात के बाद पत्रकारों से चर्चा में रिजिजू ने आरोप लगाया कि ‘‘विदेशी ताकतें उकसाने वाले बयानों और सामग्रियों को तोड़मरोड़ कर पेश कर रही हैं और ऐसा करके क्षेत्र में आग को हवा दे रही है। इस प्रतिनिधिमंडल में पूर्वोत्तर के 16 सांसद मौजूद थे। इनमें 12 असम से, दो अरुणाचल प्रदेश और एक-एक मणिपुर और त्रिपुरा से थे।