रायपुर।
छत्तीसगढ़ में घरेलू बिजली 30 से 70 पैसे प्रति यूनिट तक महंगी हो गई है। इससे 100 यूनिट प्रति माह की खपत पर अब 40 रुपये और 300 यूनिट की खपत पर 130 रुपये ज्यादा चुकाना पड़ेगा। नई दरें एक अगस्त से लागू कर दी गई हैं। इसका असर सितंबर में जारी होने वाले बिजली बिल पर पड़ेगा। विद्युत नियामक आयोग के कार्यालय में सोमवार को आयोग के अध्यक्ष हेमंत वर्मा ने नई दरों की घोषणा की। उन्होंने बताया कि बिजली की दरों में औसत छह फीसद की बढ़ोतरी की गई है।
बिजली की औसत दर में बढ़ोतरी का सीधा असर राज्य के सभी श्रेणी के उपभोक्ताओं की बिजली दरों पर पड़ा है। कृषि और औद्योगिक के साथ ही सर्वजनिक उपयोग की बिजली भी महंगी हो गई है। आयोग के अध्यक्ष वर्मा का तर्क है कि राज्य में वर्ष 2018-19 से बिजली की दरों में वृद्धि नहीं की गई है। इससे बिजली कंपनियों पर भार बढ़ रहा था। इस बार की गई यह छह फीसद की बढ़ोतरी नहीं की जाती तो आगे चलकर उपभोक्ताओं पर एक साथ ज्यादा भार पड़ता।
- विद्युत नियामक आयोग ने जारी की नई दरें
- एक अगस्त से कर दिया गया लागू
- सभी श्रेणी की बिजली दरों औसत छह फीसद की बढ़ोतरी
- कृषि पंप की बिजली 50 पैसे यूनिट व 20 रुपये प्रति एचपी बढ़ी
फैक्ट फाइल
बिजली की औसत आपूर्ति दर
वर्तमान 5.95 पैसा प्रति यूनिट
नई दर 6.42 पैसा प्रति यूनिट
अब यूनिट नहीं किलोवाट में होगी फिक्स चार्ज की गणना
आयोग ने घरेलू बिजली दर के फिक्स चार्ज (स्थिर प्रभार) में बड़ा बदलाव किया है। अब तक फिक्स चार्ज की गणना खपत के हिसाब से किया जाता था, लेकिन अब किलोवाट में की जाएगी। पांच किलोवाट तक प्रति माह 20 रुपये, पांच से 50 किलोवाट तक 30 रुपये और 10 किलोवाट से अधिक पर 40 रुपये प्रति किलोवाट हर महीने लिया जाएगा।