टीकों की कमी से जूझ रही भारत सरकार को एक और झटका लगा है। जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी ने अपनी कोविड-19 वैक्सीन को भारत में मंजूरी दिलवाने से संबंधित अपना आवेदन वापस ले लिया है। भारतीय दवा नियामक ने सोमवार को इसकी जानकारी दी। हालांकि, कंपनी ने यह आवेदन वापस लेने के पीछे अभी तक कोई कारण नहीं बताया है। आपको बता दें कि जॉनसन एंड जॉनसन दुनिया की जानी-मानी फार्मास्युटिकल कंपनी है, जो मेडिकल से जुड़े उत्पादों के शोध और उत्पादन में अग्रणी है। कंपनी के मुताबिक, उनकी कोरोना वैक्सीन की सिंगल डोज 85 फीसदी तक कारगर है और ये कोरोना वायरस के साउथ अफ्रीका और ब्राजील वैरिएंट के खिलाफ भी सुरक्षा प्रदान करती है।
जॉनसन एंड जॉनसन के इस फैसले से देश के विदेशी टीकों के आयात को झटका लगा है। साथ ही इससे अगस्त माह में टीकाकरण की गति बढ़ाये जाने की कोशिशों पर भी असर पड़ने की संभावना है। अमेरिकी कंपनी ने इसी साल अप्रैल में अपनी कोविड-19 वैक्सीन के भारत में ट्रायल के लिए आवेदन दिया था। हालांकि, उस समय खून के थक्के बनने की शिकायतों के बाद अमेरिका में इसका ट्रायल बंद था।
माना जा रहा है कि इसके पीछे नुकसान की भरपाई में छूट जैसे कुछ मुद्दों पर विवाद एक वजह हो सकता है। वैसे, बीते हफ्ते ही स्वास्थ्य एवं परिवारण कल्याण राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने कहा था कि वैक्सीन निर्माताओं के साथ सभी मुद्दे सुलझाने के लिए एक टीम गठित की गई है। उन्होंने कहा था कि यह टीम फाइजर, मॉडर्ना और जॉनसन एंड जॉनसन के साथ लगातार कई मुद्दों पर चर्चा कर रही है। साथ ही भारत ने हाल ही में मॉडर्ना की कोविड-19 वैक्सीन के 70 लाख डोज के आयात और उसके आपात इस्तेमाल की मंजूरी दे दी थी।