एक समय था जब इंदौर जिले के महू तहसील में आने वाले गांव आम्बाचंदन में किसी प्रकार की कोई सुविधा नहीं थी। आज वहीं आम्बाचंदन गांव पूरे जिले ही नहीं बल्कि प्रदेश में आदर्श गांव के रूप में अपनी अलग पहचान बना चुका है। हालांकि यह बात अलग है कि सांसद होते हुए भी सावित्री ठाकुर ने कभी इस गांव की सुध नहीं ली है और ना ही कभी वो इस गांव में आई है। यहां जो भी विकास कार्य हुए है वो सरपंच जितेंद्र पाटीदार ने जनसहयोग से करवाएं है। कुल मिलाकर गांव का हर व्यक्ति एक स्वर में यह बात स्वीकार कर रहा है कि गांव में विकास कार्य तो हुए है। आज इस गांव में आरओ वाटर प्लांट, हर वक्त पानी और बिजली, सड़क और नाली, आदर्श पंचायत भवन आदि सभी व्यवस्थाएं है।
इंदौर जिले के महू तहसील में आने वाला गांव आम्बाचंदन किसी परिचय का मोहताज नहीं है। यहां पिछले पांच सालों में भाजपा ने जनसहयोग से जो कार्य करवाए है वो अद्भूत है। सड़क, पानी और बिजली जिस मूलभूत समस्याओं से लगभग हर गांव त्रस्त है, वहीं गांव आम्बाचंदन में सबसे पहले इन्हीं समस्याओं का समाधान किया। उसके बाद नालियां, कचरा वाहन, गांव में सामुदायिक भवन, आदर्श पंचायत भवन आदि कई सुविधाएं ग्रामीणों को दी गई। सरपंच जितेंद्र पाटीदार का कहना है कि गांव में एक सरकारी अस्पताल की दरकार है। शिक्षा को लेकर जितेंद्र पाटीदार लगातार यह कोशिश कर रहे है कि उनके गांव का दसवी तक का स्कूल बारहवीं तक हो जाए।
धार सांसद सावित्री ठाकुर ने गांव बिखरौन गोद लिया है। सांसद होने के बावजुद भी सावित्री ठाकुर कभी इस गांव में नहीं आई। इस बात को लेकर पूरे गांव वासियों में काफी रोष है। पूरा गांव सांसद की इस कार्यप्रणाली का विरोध कर रहा है। गांव वालों को कहना है कि उनका कभी फोन भी नहीं लगता।
सरपंच जितेंद्र पाटीदार ने बताया कि पूरे गांव में लगभग एक लाख वर्ग फिट क्षेत्रफल पर सड़कों का निर्माण करवाया गया। इसके अलावा हर घर में नल कनेक्षन, सड़कों पर स्ट्रीट लाइट, घरेलु बिजली बिल 200 रूपया प्रतिमाह करवाया। इसके अलावा गांव में कचरा संग्रहण करने की व्यवस्था, श्मशान के जिर्णोद्धार का कार्य अभी चल रहा है। गांव के हल मोहल्ले में सामुदायिक भवन बनवाने का कार्य, लगातार बिजली आपूर्ति, गांव के प्रवेष मार्ग को चैड़ा किया, गांव के प्रमुख स्थानों पर पेयजल के लिए बोरिंग और बड़ी टंकी का निर्माण, 2 और 4 कमरों का आदर्श पंचायत भवन का निर्माण, गांव में शुद्ध पेयजल के लिए1 हजार लीटर क्षमता वाला आरओ वाटर प्लांट, विद्यार्थियों को निःशुल्क, किताबें, युनिफाॅर्म और सायकिल वितरण की गई। किसानों को भी भावांतर योजना के तहत सोयाबीन, प्याज लहसून, चना आदि के लिए करोड़ों की सहायता राशि उपलब्ध करवाई। वहीं सम्बल योजना के अंतर्गत दुर्घटना में मृत्यु पर चार लाख रूपये और सामान्य मृत्यु पर 2 लाख की सहायता राशि उपलब्ध करवाई गई। अंतिम संस्कार के लिए 5 हजार की राशि तुरंत उपलब्ध करवाई जा रही है। संबल योजना में प्रसूति को 16 हजार की सहायता राषि दी जा रही है। उज्जवला योजना के तहत गांव में 200 गैस कनेक्षन निःशुल्क वितरण किए गए। विधवाओं को 300 रूपये, निराश्रितों और दिव्यांगों को 300 व 500 रूपये की सहायता राशि दी जा रही है। मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना के तहत एक रूपया किलों राशन उपलब्ध करवाया जा रहा है।
गांव आम्बाचंदन में अभी भी कुछ काम शेष है। जैसे गांव में प्रवेश द्वार का निर्माण, पूरे गांव के घर आंगन में पेवर ब्लाॅक लगवाना, मार्ग के दोनों और वृक्षारोपण करवाना, गांव में बड़े अस्पताल का निर्माण करवाना, पुलिस चैकी की स्थापना तालाब का जीर्णोद्धार, दो बड़े चैक का निर्माण, पषु चिकित्सालय की स्थापना और करीब 150 प्रधानमंत्री आवास का निर्माण करवाना। इसके अलावा मुक्तिधाम में भी काम चल रहा है। इन कामों के लिए सरपंच लगातार अधिकारियों से सम्पर्क में है धीरे-धीरे यह सभी कार्य गांव में पूर्ण करवाने का उन्होंने आश्वासन दिया है। गांव आम्बाचंदन में जो भी विकास के काम हुए वह सभी जनसहयोग से हुए है। अभी गांव में कुछ समस्याएं है जिसके लिए सरपंच योजनाएं बना रहे है।