इंदौर ।
देश की नामी साफ्टवेयर कंपनी इंफोसिस ने इंदौर जिला प्रशासन को दिए जवाब में संभावना जताई है कि अगले एक साल में वह इंदौर के अपने कैम्पस में एक हजार युवाओं को रोजगार देगी। टीसीएस ने भी अगले साल तक दुगुने रोजगार देने का वादा किया है, लेकिन दूसरी तरफ यह कहकर चौंकाया है कि उसे जिस तरह के इंजीनियर चाहिए, ऐसे योग्य इंजीनियर मध्यप्रदेश में नहीं मिल रहे हैं। इसलिए स्थानीय युवाओं की भर्ती में दिक्कत आ रही है।
टीसीएस ने इंदौर में 4500 लोगों को रोजगार दिया है और उम्मीद जगाई है कि अगले साल तक वह इतने रोजगार और पर दोनों कंपनियों ने प्रदेश के कितने युवाओं को यहां रोजगार दिया है और कितने बाहर से स्थानांतरित किए हैं, इस बारे में जवाब नहीं दिया है।
प्रशासनिक अधिकारियों के मुताबिक, टीसीएस ने यह भी कहा है कि उसने अपनी 60 प्रतिशत जमीन का उपयोग कर लिया है और बाकी का भी जल्द किया जाएगा। इंफोसिस ने करीब 62 एकड़ जमीन का उपयोग किया है। दोनों कंपनियों ने अपनी सफाई में यह भी कहा है कि कोरोना के कारण कैम्पस बंद हैं। कर्मचारी वर्क फ्राम होम हैं, इसलिए कैम्पस का विस्तार नहीं कर पा रहे हैं। टीसीएस और इंफोसिस की तरफ से जवाब आने के बाद प्रशासन ने तय किया है कि जल्द ही दोनों कंपनियों के उच्च प्रबंधन के साथ एक बार बैठक की जाएगी। इसके बाद तय किया जाएगा कि आगे क्या करना है।
उल्लेखनीय है कि इंदौर में सुपर कारिडोर पर दोनों कंपनियों को कुल 230 एकड़ जमीन लीज पर उपलब्ध कराई गई है। इसमें इंफोसिस को 130 एकड़ और टीसीएस को 100 एकड़ जमीन दी गई है। दोनों कंपनियों को राज्य शासन ने इस शर्त पर जमीन दी थी कि वे अपने यहां 50 प्रतिशत रोजगार मध्यप्रदेश के साफ्टवेयर इंजीनियर और आइटी प्रोफेशनल्स को देंगे, लेकिन दोनों कंपनियां अब तक इस उम्मीद पर खरी नहीं उतरी हैं। इसी कारण कुछ दिन पहले जिला प्रशासन ने दोनों कंपनियों को लीज शर्तों के उल्लंघन का नोटिस जारी किया था।